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रविदास मंदिर केस : मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए 200 वर्ग मीटर जमीन देने को राजी सरकार

रविदास मंदिर केस सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान मंदिर दोबारा बनाने के लिए केंद्र सरकार 200 वर्ग मीटर जमीन देने पर सहमत है।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 12:51 PM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 07:22 AM (IST)
रविदास मंदिर केस : मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए 200 वर्ग मीटर जमीन देने को राजी सरकार
रविदास मंदिर केस : मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए 200 वर्ग मीटर जमीन देने को राजी सरकार

नई दिल्ली, एएनआइ। Delhi Sant Ravidas temple demolition case: देश की राजधानी दिल्ली के तुगलकाबाद स्थित संत रविदास मंदिर को दोबारा बनाने पर सहमति बनती दिखाई दे रही है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान मंदिर दोबारा बनाने के लिए केंद्र सरकार 200 वर्ग मीटर जमीन देने पर सहमत है। 

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सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में जानकारी दी कि वहां पर 200 वर्ग मीटर क्षेत्र का भूभाग मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए तैयार है। 

 दिल्ली के तुगलकाबाद में स्थित रविदास मंदिर पुनर्निर्माण मामले में सरकार उसी जगह 200 वर्गमीटर क्षेत्र देने को तैयार हो गई है। अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने आज सुप्रीम कोर्ट को बताया कि साइट के 200 वर्ग मीटर क्षेत्र को मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए भक्तों की एक समिति को सौंपा जा सकता है। साथ ही मंदिर निर्माण कराने के इच्छुक पक्षकारों से सोमवार तक आपत्तियां दर्ज कराने को कहा।

वेणुगोपाल ने कहा कि श्रद्धालुओं और सरकारी अफसरों समेत सभी पक्षों से इस बारे में बातचीत की है। केंद्र इस मसले की संवेदनशीलता और मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए उतना ही बड़ा प्लाट देने के लिए राजी है, जितने बड़े प्लाट पर मंदिर था। उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर को हटाए जाने के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले सात में से पांच याचिकाकर्ता इस प्रस्ताव पर सहमत हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने चार अक्टूबर को मंदिर निर्माण की मांग कर रहे पक्षकारों से मंदिर के लिए किसी स्थान का सुझाव मांगा था। दिल्ली के तुगलकाबाद वन क्षेत्र में स्थित रविदास मंदिर को शीर्ष अदालत के आदेश पर दिल्ली विकास प्राधिकरण ने हटाया था। इसे लेकर भारी विरोध प्रदर्शन हुआ था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह हर किसी की भावनाओं का सम्मान करती है, लेकिन कानून का पालन होना चाहिए।

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