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Delhi Police Lawyer case: दिल्ली हाई कोर्ट ने कुछ सुझावों के साथ किया याचिका का निपटारा

Delhi Police Lawyer case hearing दिल्ली हाई कोर्ट ने गृहमंत्रालय की ओर दाखिल की गई याचिका को लेकर बुधवार को सुनवाई पूरी हो गई है। फैसला थोड़ी देर बाद आएगा।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 08:01 AM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 07:22 AM (IST)
Delhi Police Lawyer case: दिल्ली हाई कोर्ट ने कुछ सुझावों के साथ किया याचिका का निपटारा
Delhi Police Lawyer case: दिल्ली हाई कोर्ट ने कुछ सुझावों के साथ किया याचिका का निपटारा

नई दिल्ली (विनीत त्रिपाठी)। Police lawyer clash: तीस हजारी अदालत में दो नवंबर को पुलिसकर्मियों व वकीलों के बीच हुई ¨हसक झड़प मामले में केंद्र सरकार के आवेदन पर दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व में दिए गए फैसले को बुधवार को स्पष्ट किया। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने कहा कि तीन नवंबर के आदेश में साफ कहा गया था कि दो नवंबर की घटना के संबंध में दर्ज एफआइआर के आधार पर वकीलों के खिलाफ जांच पूरी होने तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। दो नवंबर के बाद अलग-अलग अदालतों में हुई घटनाओं पर यह आदेश लागू नहीं होगा। ऐसे में साकेत कोर्ट में पुलिसकर्मी की पिटाई के मामले में दर्ज एफआइआर पर पुलिस कार्रवाई कर सकती है।

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मंगलवार को पहला आवेदन केंद्र सरकार की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल मनिंदर आचार्य ने दायर किया। उन्होंने तीन नवंबर के अदालत के फैसले को स्पष्ट करने की मांग की। कहा कि चार नवंबर को साकेत कोर्ट के बाहर एक पुलिसकर्मी व एक नागरिक की वकीलों ने पिटाई की। ऐसे में वकीलों के खिलाफ कार्रवाई न करने के तीन नवंबर के फैसले को स्पष्ट करने की जरूरत है। केंद्र सरकार की तरफ से अधिवक्ता ने कहा कि सरकार शांति स्थापित करना चाहती है और इसके लिए अदालत को अपने फैसले को स्पष्ट करने की जरूरत है। वहीं, दूसरी तरफ से बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्र ने कहा कि किसी एक व्यक्ति ने पुलिस का थप्पड़ मार दिया और अभी हमें यह भी नहीं पता कि वह वकील था भी या नहीं। वकीलों पर गोली चलाने वाले पीड़ित बनकर प्रदर्शन और अभद्र शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं। पुलिस को यह अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए वह किसी भी वकील पर एफआइआर दर्ज कर सके।

सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहित माथुर ने कहा कि जिस तरह पुलिस ने फैसले में बदलाव के लिए आवेदन दिया है, इससे उनकी मंशा पता चलती है। सेवारत पुलिसकर्मी प्रदर्शन कर रहे हैं, अधिवक्ताओं के खिलाफ भड़काने वाले बयान दे रहे हैं। जब पुलिस ने साकेत कोर्ट के बाहर हुई घटना के मामले में पहले ही एफआइआर दर्ज कर ली है तो फिर इस आवेदन का क्या मतलब है। बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के अध्यक्ष केसी मित्तल ने कहा कि मंगलवार को प्रदर्शन करने वाले पुलिसकर्मियों के मामले का संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट को कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं, दिल्ली पुलिस की तरफ से बुधवार को दूसरा आवेदन दाखिल किया गया। इसमें दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के तबादला करने के फैसले समेत अन्य निर्देशों में संशोधन की मांग की गई।

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