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Unnao Case: 25 लाख रुपये जमा करने के लिए कुलदीप सिंह सेंगर को मिले 60 दिन

Unnao Case सामूहिक दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा पाए भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने सजा को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 12:13 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 01:05 PM (IST)
Unnao Case: 25 लाख रुपये जमा करने के लिए कुलदीप सिंह सेंगर को मिले 60 दिन
Unnao Case: 25 लाख रुपये जमा करने के लिए कुलदीप सिंह सेंगर को मिले 60 दिन

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। Unnao Case: उत्तर प्रदेश के उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा पाए भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने सजा को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट कुलदीप सिंह सेंगर की याचिका पर केंद्रीय जांच एजेंसी (Central Bureau of Investigation) को नोटिस जारी किया है। 

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वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कुलदीप सिंह सेंगर को क्षतिपूर्ति की 25 लाख रुपये की रकम जमा करने के लिए 60 दिन का समय दिया है। 

यहां पर बता दें कि उन्नाव सामूहिक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने तीस हजारी कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। 

बता दें कि पिछले महीने 20 दिसंबर को उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। इसी के साथ विधायक पर 25 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है, जिसमें से 10 लाख पीड़िता को बतौर मुआवजा देने होंगे, जबकि 15 लाख रुपये अभियोजन पक्ष को मिलेंगे।

जानिए अहम बिंदु

  • वर्ष 2017 में विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ नाबालिग युवती का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ था, बाद में जांच में बता चला था कि वह नाबालिग थी। इसके बाद विधायक के खिलाफ पॉक्सो के तहत भी मुकदमा चला। 
  • कुलदीप सिंह सेंगर विभिन्न दलों में रहते हुए चार बार विधायक बने। इस दौरान बसपा, सपा और भाजपा में रहे।
  • लगातार जीत के बाद कुलदीप सिंह सेंगर की छवि एक बाहुबली नेता की हो गई।
  • 13 अप्रैल, 2018 को दुष्कर्म के मामले में विधायक को सीबीआई ने लखनऊ से गिरफ्तार किया था। उसके बाद उन्हें पहले उन्नाव और फिर सीतापुर जेल भेजा गया।
  • वहीं, अगस्त, 2019 में पीड़िता के साथ उसके परिजनों के साथ सड़क हादसा हुआ। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने दिल्ली में मुकदमा चलाने का आदेश दिया। 

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