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गौतम गंभीर के इन 2 ट्वीट ने जीत लिया लोगों का दिल, जावेद के साथ मोदी का भी जिक्र

दरअसल दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम में कुछ युवकों द्वारा एक मुस्लिम युवक के साथ मारपीट के खिलाफ भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने निशाना साधा है।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 27 May 2019 09:47 PM (IST)Updated: Tue, 28 May 2019 01:34 PM (IST)
गौतम गंभीर के इन 2 ट्वीट ने जीत लिया लोगों का दिल, जावेद के साथ मोदी का भी जिक्र
गौतम गंभीर के इन 2 ट्वीट ने जीत लिया लोगों का दिल, जावेद के साथ मोदी का भी जिक्र

नई दिल्ली/गुरुग्राम, जेएनएन।Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव-2019 में राजनीति की पिच पर उतरकर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल करने वाले क्रिकेटर से नेता बने अपने ट्वीट से लोगों का दिल जीत लिया है। दरअसल, दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम में कुछ युवकों द्वारा एक मुस्लिम युवक के साथ मारपीट के खिलाफ भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने निशाना साधा है। अपने दो ट्वीट के जरिये उन्होंने गंगा जमुनी तहजीब का जिक्र करते हुए उन लोगों पर हमला बोला है जो देश की धर्मनिरपेक्ष छवि को धूमिल कर रहे हैं। एक के बाद एक दो ट्वीट में उन्होंने बॉलीवुड के जादुई गीतकार जावेद अख्तर, 'रंग दे बसंती' फेम निर्माता-निर्देशक राकेश ओम प्रकाश मेहरा के साथ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्र, 'सबका साथ, सबका विकास, सब का विश्वास' का भी जिक्र किया है। 

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गुरुग्राम में हुए पूरे प्रकरण को दुखद बताते हुए गौतम गंभीर ने ट्वीट किया है- 'गुरुग्राम में एक मुस्लिम युवक को उसकी टोपी उतारकर जय श्रीराम के नारे लगाने के लिए कहा गया। यह बहुत दुखद है। गुरुग्राम प्रशासन को इस पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। हम एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र हैं, जहां जावेद अख्तर 'ओ पालन हारे, निर्गुण और न्यारे' लिखते हैं और राकेश ओम प्रकाश मेहरा हमें फिल्म दिल्ली 6 में 'अर्जियां' जैसा गाना देते हैं।'

अगले ही ट्वीट में गौतम गंभीर ने लिखा है- 'धर्म निरपेक्षता पर मेरे विचार पीएम मोदी के मंत्र “सबका साथ, सबका विकास, सब का विश्वास” से प्रेरित हैं। मैं यहां सिर्फ गुरुग्राम के घटना की बात नहीं कर रहा हूं, बल्कि किसी भी तरह से जाति-धर्म के नाम पर किसी को दबाया जाए यह दुखद है। सहिष्णुता और सबका विकास ही वह आइडिया है जिस पर भारत राष्ट्र के तौर पर आधारित है।'

बता दें कि गौमत गंभीर के इन दोनों ट्वीट की जमकर सराहना हो रही है। वहीं, सदर बाजार स्थित जामा मस्जिद से जैकबपुरा अपने कमरे पर जा रहे मुस्लिम समुदाय के एक युवक के साथ मारपीट की घटना सांप्रदायिक मामला नहीं है। यही नहीं मारपीट दूसरे समुदाय से संबंध रखने वाले एक ही युवक के साथ हुई थी न कि चार-पांच युवकों के साथ। शराब के नशे में एक ही युवक ने मारपीट की थी। आसपास के लोगों ने दोनों का झगड़ा छुड़ाया था। समझाने के बाद आरोपित चला गया था, जबकि शिकायतकर्ता मौके पर ही था। उसने अपने जानकारों को फोन करके कहा कि चार-पांच लोगों ने उसके साथ मारपीट की। इससे साफ है कि मामले को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया गया। यह गुरुग्राम पुलिस की जांच में सामने आ चुका है। हालांकि, पूरी सच्चाई आरोपित की गिरफ्तारी से सामने आएगी।

दरअसल, जैकबपुरा में किराये पर रहने वाले मूल रूप से बिहार के बेगूसराय जिले के गांव हसनपुर निवासी मोहम्मद बरकत आलम की शिकायत है कि शनिवार रात जामा मस्जिद के नजदीक एक समुदाय के युवक ने कहा कि टोपी पहनकर कहां जा रहा है। इसके बाद उनके साथ मारपीट शुरू कर दी गई। शिकायतकर्ता का यह भी आरोप है कि मारपीट के दौरान चार-पांच युवक थे, लेकिन जब नजदीक एक दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी गई तो एक युवक के साथ ही उसकी लड़ाई हुई थी। नजदीक तीन-चार लोग थे जिन्होंने दोनों को अलग किया था, यानी झगड़ा छुड़ाया था।

शिकायतकर्ता ने की पुलिस आयुक्त से मुलाकात

सोमवार को शिकायतकर्ता ने समाज के कुछ लोगों के साथ पुलिस आयुक्त मोहम्मद अकील से मुलाकात की। पुलिस आयुक्त ने कहा कि पुलिस जांच कर रही है। जल्द ही आरोपित को गिरफ्तार किया जाएगा। नाम न छापने की शर्त पर कुछ लोगों का कहना है कि शराब के नशे में धुत्त एक युवक की शिकायतकर्ता के साथ मारपीट हुई थी। आसपास के लोगों के समझाने पर आरोपित चला गया था। वह फिर लौटकर भी नहीं आया। ऐसी स्थिति में मामले को सांप्रदायिक रंग देना कहां तक उचित है? इससे पहले होली के दौरान भोंडसी इलाके में भी हुई एक मामले को भी सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया था। जो लोग भी सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं, उनसे सख्ती से निबटा जाए, ताकि कोई सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की हिम्मत न करे। 

राजीव यादव (सहायक पुलिस आयुक्त सिटी गुरुग्राम) के मुताबिक, सीसीटीवी कैमरों से साफ दिख रहा है कि एक ही युवक के साथ शिकायतकर्ता की लड़ाई हुई। पूरी सचाई आरोपित की गिरफ्तारी से सामने आएगी। उसकी गिरफ्तारी के लिए सात टीमें बनाई गई हैं। पहचान होते ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस मामले को गलत दिशा में ले जाना उचित नहीं। यह केवल दो युवकों के बीच का मामला है, न कि किसी धर्म या जाति के बीच का मामला।

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