Move to Jagran APP

जानिए किसने पूर्व पीएम अटल जी को कराया था RSS में शामिल, आदेश गुप्ता के परिवार से थी नजदीकी

भूदेव शास्त्री की गिनती आर्य समाज के बड़े प्रचारकों में होती थी। उन्हीं की सलाह पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में शामिल हुए थे।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 10:06 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 10:06 PM (IST)
जानिए किसने पूर्व पीएम अटल जी को कराया था RSS में शामिल, आदेश गुप्ता के परिवार से थी नजदीकी
जानिए किसने पूर्व पीएम अटल जी को कराया था RSS में शामिल, आदेश गुप्ता के परिवार से थी नजदीकी

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पूर्व महापौर आदेश गुप्ता ने शुक्रवार को दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का कार्यभार संभाल लिया। इस मौके पर प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू ने अपने संबोधन में आदेश गुप्ता के परिवार के बारे में जानकारी दी।

loksabha election banner

उन्होंने बताया कि नए प्रदेश अध्यक्ष का परिवार वर्षों से देश सेवा में लगा हुआ है। इनके दादा श्रीगोपाल गुप्त स्वतंत्रता सेनानी थे। आंदोलन के समय वह जेल गए थे। उनकी याद में दिल्ली में भी सड़क है।

आदेश गुप्ता के फूफा ने अटल जी को कराया था आरएसएस में शामिल

वहीं, इनके फूफा भूदेव शास्त्री की गिनती आर्य समाज के बड़े प्रचारकों में होती थी। उन्हीं की सलाह पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में शामिल हुए थे। इस बारे में आदेश कुमार गुप्ता ने बताया कि भूदेव शास्त्री आर्य समाज के प्रचारक व संस्कृत के विद्वान थे। पहले आरबीएस कॉलेज आगरा में संस्कृत विभाग के प्रमुख थे। उसके बाद डीएवी कॉलेज अजमेर के संस्कृत विभाग के प्रमुख बने।

साल 1930 में वह आर्य समाज के प्रचार के सिलसिले में ग्वालियर जाया करते थे। 1935 के आसपास, उस समय अटल जी की उम्र कम थी। और वह भी अपने मित्रों के साथ आर्य समाज के सत्संग में जाया करते थे। उन सभी को शास्त्री जी ने शाम के समय राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखा में जाने की सलाह दी।

आदेश गुप्ता विद्यार्थी जीवन में ही आरएसएस से जुड़ गए थे

उन्होंने बताया कि अटल जी पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद भी इस बात का जिक्र किया था। परिवार से मिले संस्कार का परिणाम था कि आदेश गुप्ता विद्यार्थी जीवन से ही संघ के साथ जुड़ गए थे। 12 वीं कक्षा से वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़कर संगठन का काम देखने लगे थे।

9 जून, 1986 को वह विद्यार्थी परिषद से जुड़े और नगर मंत्री से लेकर कई पदों पर रहे। नक्सल विरोध आंदोलन में भी सक्रिय रूप से भाग लिए और इनकी गिरफ्तारी भी हुई थी। परिषद के वह पूर्णकालिक कार्यकर्ता थे और उत्तर प्रदेश के साथ ही दिल्ली में भी इसके प्रचार-प्रसार के लिए काम किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.