संसद भवन पर हमले के आरोपित और बाद में बरी होनेवाले गिलानी की मौत
संसद भवन पर हमले का आरोपित गिलानी की मौत हो गई है। उनकी मौत हृदय गति रुकने के कारण हुई है।उन पर संसद पर हमले का आरोप लगा हालांकि बाद में उन्हें इन आरोप से बरी कर दिया गया था।
नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर एसएआर गिलानी की बृहस्पतिवार को जामिया नगर स्थित उनके घर पर मौत हो गई। उन्हें वर्ष-2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले के मामले में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था। प्रोफेसर गिलानी डीयू के जाकिर हुसैन कॉलेज में अरबी भाषा पढ़ाते थे।
हार्ट अटैक से हुई मौत
बताया जा रहा है कि उनकी मौत कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई है। गिलानी के परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटियां हैं। 10 फरवरी 2016 को अफजल गुरु की बरसी के मौके पर गिलानी ने प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम आयोजित किया था जहां देश-विरोधी नारे लगाए गए थे।
हुए थे गिरफ्तार
उन्हें इस मामले में भी गिरफ्तार किया गया था। आरोप था कि नारे लगाने वालों में गिलानी भी शामिल थे। वहीं, वर्ष- 2004 में अज्ञात हमलवार ने उन पर फायरिंग कर दी थी।उन्हें पांच गोलियां लगी थीं। इस हमले में उनकी जान बच गयी थी।
संसद भवन पर हमला
2001 को 13 दिसंबर संसद भवन पर हमला हुआ था। इस हमले ने जहां भारत को चौंका दिया वहीं दुनिया के अन्य देश भी इस हमले से चकित हो गए थे। यह हमला करीब -करीब 45 मिनट तक चला था। इस हमले में जैश एक मुहम्मद आतंकी संगठन का नाम सामने आया था। आतंकी मुख्य द्वार होते हुए भवन में प्रवेश कर गए थे वहीं सुरक्षा बलों ने इन्हें मुंहतोड़ जवाब देते हुए इनके मंसूबों को नाकाम कर दिया था। सारे के सारे आतंकी संसद भवन के बाहर ही ढेर हो गए थे। हालांकि इस हमले में हमारे जवान भी शहीद हुए। दिल्ली पुलिस के पांच जवान, सीआरपीएफ से एक एक और दो गार्ड शहीद हो गए थे। इस हमले में कुल 16 जवान घायल भी हुए थे। इसके बाद संसद भवन की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।