CAA के समर्थन में हिंदू शरणार्थियों का प्रदर्शन, समर्थन में आए कई यूनिवर्सिटी के छात्र
सेंट्रल पार्क में बड़ी संख्या में महिलाओं व युवाओं के साथ जेएनयू जामिया और एएमयू के छात्र भी शामिल हुए। सभी ने एक सुर में इस कानून के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में भी प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। बृहस्पतिवार को हिंदू शरणार्थियों ने राजघाट पर प्रदर्शन किया था तो वहीं शुक्रवार को कनॉट प्लेस पर सीएए के समर्थन में मार्च किया।
सेंट्रल पार्क में बड़ी संख्या में महिलाओं व युवाओं के साथ जेएनयू, जामिया और एएमयू के छात्र भी शामिल हुए। सभी ने एक सुर में इस कानून के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया। सभी ने हाथों में प्ले कार्ड और पोस्टर ले रखे थे। जिनमें कानून के समर्थन के नारे लिखे हुए थे। लोगों ने कनॉट प्लेस के इनर सर्किल में मार्च किया। इस दौरान 200 मीटर का तिरंगा लेकर लोगों ने मानव श्रृंखला भी बनाई। कार्यक्रम में मुस्लिम नेता मौलाना शोएब कासमी ने कहा कि यह कानून मुस्लिमों के खिलाफ कतई नहीं है लेकिन, कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए गलतफहमी फैला रहे हैं। कार्यक्रम के आयोजक सोमवीर सिंह ने बताया कि हमने कुछ ही दिन पहले सोशल मीडिया पर इस कार्यक्रम में पहुंचने की अपील की थी। जिसमें बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
नागरिकता कानून को लेकर पार्टियों पर भ्रम फैलाने का आरोप
भारत रक्षा मंच ने नागरिक संशोधन कानून (सीएए) का समर्थन किया है। मंच के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सूर्यकांत केलकर ने प्रेस वार्ता में कहा कि कांग्रेस सहित अन्य पार्टियां इस कानून को लेकर भ्रम फैला रही हैं। उन्होंने देशभर में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर एनआरसी) लागू करने की भी मांग की। इस मौके पर मंच के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष डॉ.पीके सिंघल, राष्ट्रीय मंत्री ज्ञान प्रकाश, प्रदेश महामंत्री शंशाक चोपड़ा आदि मौजूद रहे।
कानून का सच बताने मैदान में भाजपाई
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर फैलाये जा रहे भ्रम को दूर करने के लिए भाजपा नेता मैदान में उतर गए हैं। शुक्रवार को कनॉट प्लेस में कार्यक्रम आयोजित कर दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी (आप) व कांग्रेस सहित अन्य विरोधी पार्टियों पर सीएए को लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि दिल्ली और देश को अशांत करने की साजिश हो रही है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। इस कानून पर बहस करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा को आमंत्रित किया गया था, लेकिन दोनों नहीं आए।
उन्होंने कहा कि सीएए को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है। शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी जिन नेताओं पर है, वही माहौल बिगाड़ रहे हैं। सेलेब्रेटी भी इस कानून को लेकर असमंजस में हैं। संसद में भाजपा के साथ अन्य दलों ने भी इसका समर्थन किया है। राज्यसभा में भाजपा का बहुमत नहीं है, लेकिन वहां भी सांसदों ने इसे अपना समर्थन दिया। इस कानून से मुस्लिम समुदाय के किसी भी शख्स पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह कानून अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में प्रताड़ना से भारत आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई, पारसी समुदाय से संबंधित लोगों को नागरिकता देने का है।