बढ़ाया जाएगा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का दायरा, केंद्रीय मंत्री ने शुरू की कवायद
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी की अध्यक्षता में विज्ञान भवन में हुई इस बैठक में बोर्ड ने एनसीआर में नए जोड़े गए सात जिलों के लिए मंजूरी दे दी।
नई दिल्ली, जेएनएन। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (दिल्ली-एनसीआर) का दायरा बढ़ाने पर शुक्रवार को एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की बैठक में औपचारिक तौर पर मुहर लग गई। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी की अध्यक्षता में विज्ञान भवन में हुई इस बैठक में बोर्ड ने एनसीआर में नए जोड़े गए सात जिलों के लिए क्षेत्रीय योजना -2021 को भी मंजूरी दे दी।
विस्तारित क्षेत्रों में हरियाणा, राजस्थान उप क्षेत्रों के लिए भी विचार किया गया। साथ ही पंजाब सरकार के प्रस्ताव पर एनसीआर में पटियाला-राजपुरा कॉरिडोर को काउंटर मैग्नेट क्षेत्र के रूप में स्वीकृति दी गई। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के शामली व मुजफ्फरनगर को भी एनसीआर के उप क्षेत्र के रूप में विकसित करने पर जोर दिया गया।
मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय बुनियादी ढांचा परियोजना को लागू करने के लिए मास्टर प्लान 2021 के मुताबिक वित्तीय सहायता देकर इन इलाकों को और सक्षम बनाया जाएगा। पुरी ने जोर देते हुए कहा कि एनसीआर के लिए अभी से मास्टर प्लान 2041 पर कार्य शुरू कर दिया गया है तथा मास्टर प्लान 2021 की त्रुटियों को दूर भी किया जा रहा है।
मास्टर प्लान के सही ढंग से लागू होने से उत्तर प्रदेश में हाईटेक टाउनशिप, इंटीग्रेटेड टाउनशिप, डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर व जेवर में प्रस्तावित हवाई अड्डे आदि से जुड़ी परियोजनाओं पर भी तेजी से कार्य करने पर जोर दिया। बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, राजस्थान के शहरी विकास मंत्री शांति कुमार धारीवाल, दिल्ली के शहरी विकास एवं लोक निर्माण विभाग मंत्री सत्येंद्र जैन, सचिव आवास एवं शहरी विकास भारत सरकार दुर्गा शंकर मिश्र एवं एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की सचिव अर्चना अग्रवाल मौजूद रहे।
प्रदूषण हो रहा कम
पुरी ने बताया कि क्षेत्रीय योजना-2021 एवं उप्र उपक्षेत्रीय योजना-2021 में प्रस्तावित ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का क्रियान्वयन हो चुका है। इससे आसपास के क्षेत्रों को गतिशीलता प्रदान हो रही है। दिल्ली के अंदर वाहनों के अनावश्यक प्रवेश न होने से जाम एवं प्रदूषण में कमी हो रही है। इसी प्रकार निर्माणाधीन दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, जो उप्र उपक्षेत्रीय योजना-2021 में नियोजित किया गया था, को भली-भांति तीव्र गति से एनएचएआइ द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है। वर्तमान में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का सराय काले खां से यूपी गेट तक का दायरा यातायात के लिए खुला हुआ है, जिससे गाजियाबाद को अच्छी कनेक्टिविटी मिली हुई है।
फल-सब्जी मंडी को किया जाए अन्यत्र स्थापित
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सुझाव दिया कि दिल्ली से थोक व्यापार से संबंधित क्रियाकलापों को अन्यत्र विस्थापित करने के लिए एक कार्य योजना बनाई जाए। केमिकल, फल एवं अन्य पदार्थों के व्यवसाय को उत्तर प्रदेश के हापुड़, बुलंदशहर, बागपत, खुर्जा आदि नगरों में स्थानांतरित किया जाना चाहिए।