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Unnao Case: पुलिस कांस्टेबल की याचिका पर हाई कोर्ट ने भेजा CBI को नोटिस, मांगा जवाब

पुलिस कांस्टेबल आमिर की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआइ को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 30 अगस्त को होगी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 05:00 PM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 10:22 PM (IST)
Unnao Case: पुलिस कांस्टेबल की याचिका पर हाई कोर्ट ने भेजा CBI को नोटिस, मांगा जवाब
Unnao Case: पुलिस कांस्टेबल की याचिका पर हाई कोर्ट ने भेजा CBI को नोटिस, मांगा जवाब

नई दिल्ली, जेएनएन। पुलिस हिरासत में उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में ट्रायल कोर्ट में आरोप तय होने के खिलाफ दायर याचिका के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआइ को नोटिस जारी किया है। जस्टिस संजीव सचदेवा ने नोटिस करते हुए सीबीआइ से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 30 अगस्त को होगी। 

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दरअसल, उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में आरोपित यूपी पुलिस के बर्खास्त कांस्टेबल आमिर ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। आमिर ने ट्रायल कोर्ट में तय किए गए आरोप पत्र को चुनौती दी है। आमिर ने चार्जशीट में अपने ऊपर तय किए आरोपों को गलत बताते हुए उसे रद करने की मांग की है।

कोर्ट में 13 अगस्त को तय किया गया था आरोप
बुधवार को आमिर की तरफ से दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट में गलत तरीके से उनके खिलाफ दो मामलों में चार्जशीट दाखिल की गई है। दरअसल, 13 अगस्त को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व अन्य आरोपितों के खिलाफ आरोप तय किए थे। हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश की अदालत से भी आरोप तय हो गए थे, लेकिन दिल्ली की अदालत ने हत्या और ऑ‌र्म्स एक्ट के मामलों को मिलाते हुए आरोप तय किए। हत्या और झूठे केस के मामले में कुलदीप सेंगर व उसके भाई अतुल सेंगर, माखी थाने के तत्कालीन प्रभारी अशोक सिंह भदौरिया, एसआइ कामता प्रसाद, सिपाही आमिर खान सहित कुल 10 आरोपित हैं।

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पुलिस हिरासत में हुई थी पीड़िता के पिता की मौत
अदालत ने आरोप पत्र पढ़कर सुनाया था, जिसमें कहा गया है कि पीड़िता के पिता को मारा गया था। इस दौरान उनके शरीर पर 18 जगह चोट आई। इससे घटना के चौथे दिन पुलिस हिरासत में उनकी मृत्यु हो गई। यह पूरा षड्यंत्र सिर्फ इसलिए रचा गया ताकि पीड़िता शिकायत दर्ज न करा पाए। पुलिस ने जिस दौरान पीड़िता के पिता को पीटा, उस वक्त के गवाहों के बयान से साफ है कि सेंगर पुलिस के संपर्क में था। जांच एजेंसी ने यह तथ्य अपने आरोप पत्र में दर्ज किया है।

सीबीआइ ने कोर्ट में पेश किया था सबूत
सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ ने अदालत को बताया था कि पीड़िता के पिता को अवैध हथियार रखने के मामले में गलत फंसाया गया था। पुलिस कर्मी विधायक की मदद कर रहे थे। पुलिस और विधायक के बीच बातचीत का डाटा भी कोर्ट में पेश किया गया था। पीड़िता के पिता को पहले भीड़ ने पीटा, उसके बाद पुलिस ने उन्हें अपनी हिरासत में लिया, जिसके बाद उनकी मौत हो गई।

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