INX Media case: दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश में सुधार की मांग को लेकर ईडी ने दायर की याचिका
INX Media case ईडी ने सोमवार को हाई कोर्ट में एक अर्जी दी है जिसमें पी चिदंबरम की जमानत याचिका खारिद करने के आदेश में सुधार की मांग की गई है।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। आइएनएक्स मीडिया मनी लॉंड्रिंग मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की जमानत याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने 15 नवंबर को खारिज कर दिया था। ईडी ने सोमवार को हाई कोर्ट में एक अर्जी दी है जिसमें पी चिदंबरम की जमानत याचिका खारिद करने के आदेश में सुधार की मांग की गई है। जानकारी के अनुसार, जस्टिस सुरेश कुमार कैत के आदेश में कुछ तथ्यात्मक त्रुटियां थीं। जिसे सही करने के लिए ईडी ने याचिका दायर की है।
कांग्रेस नेता चिदंबरम की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि आरोपित पर आर्थिक अपराध से जुड़े गंभीर आरोप हैं ऐसे में उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आठ नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
कांग्रेस नेता ने ईडी द्वारा दर्ज किए गए मनी लॉंड्रिंग मामले में दिल्ली हाई कोर्ट से नियमित जमानत देने की मांग की थी। ईडी ने चिदंबरम की जमानत याचिका का यह कहते हुए विरोध किया था कि आरोपित पर गंभीर आरोप हैं ऐसे में उन्हें जमानत देना न्याय के खिलाफ होगा। जबकि चिदंबरम के वकीलों ने खराब सेहत का हवाला देकर कोर्ट से जमानत देने की मांग की थी।
न्यायिक हिरासत में हैं पी चिदंबरम
बता दें कि कांग्रेस नेता पी चिदंबरम आइएनएक्स मीडिया मनी लॉड्रिंग से जुड़े ईडी मामले में तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। इससे पहले तबीयत खराब होने पर उन्होंने अंतरिम जमानत देने की मांग की थी।हालांकि एम्स मेडिकल बोर्ड ने कोर्ट में अपनी रिपोर्ट देते हुए कहा था कि चिदंबरम को अस्पताल में भर्ती करने की जरुरत नहीं है। इसके बाद कोर्ट ने चिदंबरम को जेल के अंदर कुछ सुविधाएं देने के साथ अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। अब कोर्ट ने नियमित जमानत याचिका खारिज की है।
क्या है पूरा मामला
आइएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआइ ने पी चिदंबरम को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था। इसके बाद ईडी ने भी चिदंबरम को गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी ने 15 मई 2017 को मामला दर्ज किया गया था।चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने केंद्र सरकार में मंत्री रहते हुए 2007 में विदेशों में 305 करोड़ रुपये हासिल करने के लिए एफआइपीबी को मंजूरी देने में अनियमियता बरती थी।
दिल्ली-एनसीआर की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक