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Delhi Election Results: जिसमें भाजपा ने देखा फायदा, उसमें हुआ नुकसान

विधानसभा चुनाव में शाहीन बाग के मुद्दे को तूल देकर भाजपा दिल्ली की सत्ता हासिल करना चाहती थी लेकिन यह दांव उल्टा पड़ गया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 11:54 PM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 07:18 AM (IST)
Delhi Election Results: जिसमें भाजपा ने देखा फायदा, उसमें हुआ नुकसान
Delhi Election Results: जिसमें भाजपा ने देखा फायदा, उसमें हुआ नुकसान

नई दिल्ली, संतोष कुमार सिंह। विधानसभा चुनाव में शाहीन बाग के मुद्दे को तूल देकर भाजपा दिल्ली की सत्ता हासिल करना चाहती थी, लेकिन यह दांव उल्टा पड़ गया। इस मुद्दे पर मुस्लिमों ने एकजुट होकर आम आदमी पार्टी को अपना समर्थन दिया। इसी तरह से भाजपा नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निजी तौर पर जुबानी हमला करना भी पार्टी पर भारी पड़ गया। इस तरह की बयानबाजी से नाराज लोग केजरीवाल के साथ खड़े हो गए और भाजपा मात्र आठ सीटों पर सिमटकर रह गई।

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शाहीन बाग की वजह से मुस्लिमों ने एकजुट होकर दिया आप को वोट

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में शाहीन बाग सहित अन्य स्थानों पर हो रहे प्रदर्शन को भाजपा ने एक तरह से अपना मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया था। पूरा चुनाव प्रचार इसी के इर्द-गिर्द घूम रहा था। सभी बड़े नेता इसे लेकर आप व कांग्रेस पर निशाना साध रहे थे। पार्टी के रणनीतिकारों को उम्मीद थी कि दिल्लीवासी इस मुद्दे पर उसके साथ खड़े होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लोकसभा चुनाव में मुस्लिम मत आप व कांग्रेस के बीच बंट गया था, जिसका भाजपा को फायदा हुआ था।

मुस्लिमों ने अपना मत नहीं बंटने दिया

इसके विपरीत इस विधानसभा चुनाव में मुस्लिमों ने अपना मत नहीं बंटने दिया। यही कारण है कि ओखला, मटियामहल, बल्लीमारान, चांदनी चौक, बाबरपुर, सीलमपुर व मुस्तफाबाद जैसे मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्रों में आप प्रत्याशियों ने बड़ी जीत हासिल की है। इसी तरह से दूसरे विधानसभा क्षेत्रों के उन मतदान केंद्रों पर जहां मुस्लिमों की संख्या ज्यादा है, वहां भाजपा बुरी तरह से पिछड़ गई।

तीन तलाक पर मिला मुस्लिम महिलाओं का समर्थन खोया

भाजपा नेता यह मानते हैं कि तीन तलाक के विरोध में कानून बनाने सहित केंद्र सरकार की अन्य योजनाओं की वजह से लोकसभा में कुछ मुस्लिमों खासकर मुस्लिम महिलाओं का समर्थन भाजपा को मिला था, लेकिन शाहीन बाग की वजह से विधानसभा चुनाव में वे भाजपा से दूर हो गए। इसके साथ ही हिंदुओं का भी एक वर्ग इस मामले को ज्यादा तूल देने से नाराज बताया जाता है।

भारी पड़े विवादित बयान

इसी तरह से इस चुनाव में केंद्रीय मंत्री व दिल्ली के चुनाव प्रभारी प्रकाश जावडेकर, सांसद प्रवेश वर्मा, प्रवक्ता संबित पात्रा सहित कई नेताओं ने केजरीवाल के खिलाफ तीखे हमले किए। कई नेताओं ने उनकी तुलना आतंकी से की। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर सहित कई नेताओं ने विवादित बयान दिए जिससे भी भाजपा को चुनाव में नुकसान हुआ। भाजपा नेता भी अब इस बात को स्वीकार करने में लगे हैं।

दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी का कहना है कि भाजपा किसी भी नेता के विवादित बयान के साथ नहीं है। पार्टी सबका साथ सबका विकास के मंत्र पर काम करती है। शाहीन बाग में सड़क बंद करके प्रदर्शन का हम कल भी विरोध कर रहे थे और आज भी विरोध में हैं। सीएए को लेकर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री अरविदं केजरीवाल को शपथ ग्रहण से पहले शाहीन बाग जाकर लोगों से धरना समाप्त कराना चाहिए।


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