Agusta Westland Case: क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में आरोपित क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। अगस्ता वेस्टलैंड मामले में आरोपित क्रिश्चियन मिशेल की जमानत अर्जी पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद राउज एवेन्यू स्थित विशेष अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार अब 7 सितंबर को फैसला सुनाएंगे। मिशेल की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने अदालत को बताया कि मनी लांड्रिंग मामले में न्यायिक सहायता के लिए विदेशी अदालत में भेजे गए अनुरोध के औपचारिक पत्र (लेटर्स रोगेटरी) के जवाब में कई देशों से स्वैच्छिक दस्तावेज प्राप्त हुए हैं।
जांच में विभिन्न विभागों व हितधारकों की भूमिका भी शामिल है और इसकी जांच की जा रही है। ईडी ने बताया कि मिशेल ने भारतीय नागरिकों को फर्जी सेवाओं का लाभ उठाने की आड़ में भुगतान किया। उन्हें अभी कुछ गवाहों व संदिग्धों का आमना-सामना कराकर जांच करनी है। मिशेल को पिछले साल गिरफ्तार किया गया था।
ईडी ने दाखिल किया था आरोप पत्र
ईडी ने जब जून 2016 में क्रिश्चियन मिशेल के खिलाफ पहला आरोप पत्र दाखिल किया था तब दावा किया था कि आरोपितों ने करीब 225 करोड़ रुपये की रिश्वत अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से ली थी। अब ईडी की तरफ से बताया गया कि ब्रिटिश नागरिक सिम्स और मिशेल ने अपनी कंपनियों के माध्यम से रिश्वत का पैसा लिया। 12 हेलीकॉप्टर का सौदा कराने की एवज में यह पैसा लिया गया, लेकिन हेलीकॉप्टर नहीं खरीदे गए। पैसा अलग-अलग कंपनियों, व्यक्ति विशेष को बांट दिया गया। सिम्स के बैंक खाते से बड़ी रकम का लेन-देन हुआ।
इसके अलावा आरोपित गौतम खेतान, राजीव सक्सेना और उसकी पत्नी शिवानी ने भी अपनी-अपनी कंपनियों के मार्फत करोड़ों रुपये को अलग-अलग जगह खपाया।
दुबई से किया गया था गिरफ्तार
बता दें कि क्रिश्चियन मिशेल को पिछले साल दिसंबर में दुबई से भारत लाकर गिरफ्तार किया गया था। एक जनवरी 2014 को भारत ने इटली की कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से 12 हेलीकॉप्टर खरीदने का करार रद कर दिया था, क्योंकि इस सौदे में घोटाले का आरोप लगा था। सीबीआइ ने जांच के बाद पहला आरोप पत्र एक सितंबर 2017 को दाखिल किया था। सीबीआइ ने वायु सेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी, पूर्व एयर मार्शल जेएस गुजराल सहित आठ को आरोपित बनाया था। सीबीआइ जांच के बाद ईडी ने मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।