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पढ़िए- BSP चीफ मायावती को क्यों दी केजरीवाल ने सफाई, 'मंदिर गिराने में हमारा हाथ नहीं'

दरअसल मामला गरमाने के बाद बुधवार सुबह इस मसले पर ट्वीट करते हुए बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने केंद्र सरकार के साथ-साथ दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी पर भी हमला बोला था।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 14 Aug 2019 05:55 PM (IST)Updated: Thu, 15 Aug 2019 07:16 AM (IST)
पढ़िए- BSP चीफ मायावती को क्यों दी केजरीवाल ने सफाई, 'मंदिर गिराने में हमारा हाथ नहीं'
पढ़िए- BSP चीफ मायावती को क्यों दी केजरीवाल ने सफाई, 'मंदिर गिराने में हमारा हाथ नहीं'

नई दिल्ली, जेएनएन। देश की राजधानी दिल्ली के तुगलकाबाद में संत रविदास मंदिर गिराए जाने के बाद दिल्ली से पंजाब तक बवाल मचा हुई है, वहीं इस पर राजनीतिक भी जारी है। इस मामले पर उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) के ट्वीट पर दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने ट्वीट कर जवाब दिया है। उन्होंने ट्वीट किया है-  'मंदिर गिराए जाने में हमारी सरकार का कोई हाथ नहीं है। 

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दरअसल, मामला गरमाने के बाद बुधवार सुबह इस मसले पर ट्वीट करते हुए बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने केंद्र सरकार के साथ-साथ दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी पर भी हमला बोला। उन्होंने ट्वीट किया था-'केंद्र और दिल्ली सरकार की मिलीभगत से तुगलकाबाद क्षेत्र में बना संत रविदास मंदिर गिरवाया गया है, हम इसका विरोध करते हैं। दिल्ली के तुगलकाबाद क्षेत्र में बना सन्त रविदास मन्दिर केन्द्र व दिल्ली सरकार की मिली-भगत से गिरवाये जाने का बी.एस.पी. ने सख्त विरोध किया। इससे इनकी आज भी हमारे सन्तों के प्रति हीन व जातिवादी मानसिकता साफ झलकती है।'

इस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें जवाब दिया। केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा कि दिल्ली में ज़मीन केंद्र के अधीन आती है, ऐसे में मंदिर गिराए जाने में हमारी सरकार का कोई हाथ नहीं है।

इसी ट्वीट में केजरीवाल ने लिखा है- ' मायावती जी, मंदिर के गिराए जाने से हम सब लोग बेहद व्यथित हैं। इसका सख़्त विरोध करते हैं। मुझे दुःख है कि आप केंद्र के साथ इसके लिए हमें दोषी मानती हैं। दिल्ली में “ज़मीन” केंद्र सरकार के अधीन आती है। हमारी सरकार का इस मंदिर के गिराए जाने में कोई हाथ नहीं।'

यहां पर बता दें कि दिल्ली में अगले छह महीने के दौरान विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में दिल्ली में दलितों की बड़ी आबादी होने के चलते यह मुद्दा किसी भी राजनीतिक दल को नुकसान पहुंचा सकता है। यही वजह है कि यूपी की पूर्व सीएम मायावती के आरोपों को केजरीवाल ने तत्काल जवाब देना ज्यादा मुनासिब समझा।

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