मनोज तिवारी का बड़ा आरोप- सीलिंग पर ओछी राजनीति कर रहे हैं केजरीवाल
केजरीवाल सरकार के असहयोग के चलते ही सीलिंग का संकट पैदा हुआ है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। लंबे संघर्ष के बाद प्रसिद्ध भोजपुरी गायक से लेकर भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार बनकर राजनीति में आने वाले मनोज तिवारी न केवल उत्तर-पूर्वी दिल्ली से सांसद बने, बल्कि वह पहले पूर्वांचली हैं जिन्हें भाजपा नेतृत्व ने देश की राजधानी दिल्ली का प्रदेश अध्यक्ष बनाया। इनके अध्यक्षीय कार्यकाल में हुए नगर निगम चुनाव में जीत का सेहरा उनके सिर पर बंधा। पिछले दिनों उन्होंने यमुना चैलेंज ट्रॉफी के माध्यम से सबसे बड़ी क्रिकेट सीरिज कराने का श्रेय भी लिया। हालांकि वह जिस क्षेत्र से सांसद हैं वह दिल्ली का अति पिछड़ा इलाका है। दिल्ली का उत्तर-पूर्वी जिला देश का सबसे अधिक घनत्व वाला जिला भी है। यहां विकास के कई कार्य शुरू हुए हैं, लेकिन यहां बहुत सारे कार्य किए जाने बाकी हैं। इन्हीं मुद्दों को लेकर पूर्वी दिल्ली के ब्यूरो चीफ सुधीर कुमार ने मनोज तिवारी से विस्तृत बातचीत की। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश:
1. आप सांसद होने के साथ-साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। दिल्ली की जनता इन दिनों सीलिंग से परेशान है, तीनों निगमों में भाजपा सत्तासीन है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
- दिल्ली में हो रही सीलिंग माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर गठित मॉनिटरिंग कमेटी द्वारा की जा रही है। दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र होने के नाते सीलिंग के लिए अकेले निगम जिम्मेदार नहीं हैं। इसके समाधान के लिए निगमों और दिल्ली सरकार की एजेंसियों के बीच समन्वय की जरूरत है। इसके लिए सांसद एवं पार्टी अध्यक्ष होने के नाते अपने अधिकार क्षेत्र में हर संभव प्रयास कर रहा हूं। दिल्ली के तीनों निगमों ने संयुक्त प्रयास शुरू कर दिया है और आगामी संसद के सत्र में मैं सीलिंग के मामले को सदन के समक्ष रखूंगा। दिल्ली की केजरीवाल सरकार सीलिंग को मुद्दा बनाकर ओछी राजनीति के सिवाय कुछ नहीं कर रही है और सरकार के असहयोग के चलते ही सीलिंग का संकट पैदा हुआ है।
2. उत्तर-पूर्वी दिल्ली के विकास के लिए क्या-क्या योजनाएं हैं?
-सिग्नेचर ब्रिज के निर्माण का काम पूरा करवाना, कम से कम तीन केंद्रीय विद्यालय की स्थापना, एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टेडियम, पूरे संसदीय क्षेत्र को जाम मुक्त कराने के लिए वजीराबाद से भौपुरा बॉर्डर तक रोड को सिग्नल फ्री करना, शास्त्री पार्क चौक से पावी गांव तक पुस्ता रोड का चौड़ीकरण, बुराड़ी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत एक खेल परिसर का निर्माण, हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम दो सामुदायिक भवन बनाना। क्षेत्र की कानून व्यवस्था को दुरुस्त करवाना एवं जिन क्षेत्रों में मेट्रो रेल का विस्तार नहीं हुआ वहां इस सेवा को उपलब्ध करवाना, तीमारपुर विधानसभा क्षेत्र में एक हजार कमरों के छात्रवास का निर्माण कराना व क्षेत्र में बच्चों के लिए खेल का मैदान विकसित करना मेरी प्राथमिकता है।
3. जब आप सांसद बने थे तब आपने विकास के लिए क्या-क्या लक्ष्य निर्धारित किए थे?
-मुझे दिल्ली का अति पिछड़ा क्षेत्र विरासत में मिला है जहां एक सांसद द्वारा कराए जाने वाले विकास कार्यों का अकाल सा था। इस क्षेत्र के लिए कई योजनाएं लाई गई थीं, लेकिन उनमें से अधिकतर ठंडे बस्ते में पड़ी थीं। उन योजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए पूर्व में कोई कार्य ही नहीं किया गया था। जिसमें केंद्रीय विद्यालय का निर्माण, सिग्नेचर ब्रिज का अधूरा निर्माण, मीत नगर सबोली रेलवे हॉल्ट का निर्माण आदि हैं। सबको साथ लेकर क्षेत्र के समग्र विकास का लक्ष्य चुनाव जीतने के बाद हमारे लिए चुनौती थी, जिसको सहज मन से मैंने स्वीकार किया।
4. आपकी अब तक की उपलब्धियां क्या हैं?
- चुनाव जीतते ही सिग्नेचर ब्रिज के रुके काम को शुरू करवाने के लिए केंद्र सरकार से माननीय उपराज्यपाल के माध्यम से 35 करोड़ रुपयों का आवंटन कराया, जिससे तेजी से सिग्नेचर ब्रिज का निर्माण हो रहा है। वर्षो से लंबित पड़े शाहदरा केंद्रीय विद्यालय का उद्घाटन करवाकर उसे शुरू करवाया। वर्षों से लंबित मीत नगर-सबोली हॉल्ट का काम पूरा करवाया। आगामी एक माह के अंदर वहां रेल गाड़ियां रुकने लगेंगी। शास्त्री पार्क में वर्षों से लंबित कंवेंशन सेंटर आगामी दो माह में जनता को समर्पित होगा। शास्त्री पार्क चौक पर फ्लाईओवर एवं लूप तथा सीलमपुर फ्लाईओवर की मंजूरी करवाई, शीघ्र निर्माण कार्य शुरू होगा। शास्त्री पार्क चौक से पावी गांव तक के रोड के चौड़ीकरण करने के लिए केंद्र सरकार से 200 करोड़ रुपये की मंजूरी कराई। पूरे संसदीय क्षेत्र में 90 पार्कों में ओपन जिम लगाने का काम शुरू करवाया। जरूरतमंद को इलाज के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष से करीब छह करोड़ की सहायता राशि उपलब्ध कराई। प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत रोजगार एवं स्वरोजगार के लिए 9424 लोगों को लगभग 65 करोड़ रुपये के बैंक लोन दिलाए। सड़क एवं कई प्रस्तावित विकास कार्यो के लिए करीब 20 करोड़ रुपये की सांसद निधि का आवंटन किया। यमुना चैलेंज ट्रॉफी क्रिकेट प्रतियोगिता के माध्यम से 290 मैच कराकर हजारों युवाओं को पार्टी से जोड़ने का काम किया।
5. आपने जिस गांव को गोद लिया है अब तक उसकी स्थिति में कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया है?
-चौहान पट्टी सभापुर गांव का मैंने अधिकारियों के साथ कई बार दौरा किया और उनकी 12 मांगों के अनुरूप गांव का प्रवेश द्वार, गांव में बस टर्मिनल और दो छोटे पार्क के सुंदरीकरण का कार्य किया। साथ ही करीब चार 4 किलोमीटर लंबी एक हाईटेंशन लाइन को भूमिगत कराने के लिए एक करोड़ चार लाख रुपये की मंजूरी कराई, लेकिन दिल्ली सरकार के असहयोग के चलते अन्य योजनाओं पर काम तो शुरू हुआ, लेकिन पूरा नहीं हो सका है। इसके लिए लगातार प्रयास जारी है।
6. आप पर आरोप लगते हैं कि आप पार्टी के कामों से दिल्ली से अधिक बाहर रहते हैं, इसके अलावा आप जब से प्रदेश अध्यक्ष बने हैं उसके उसके बाद आपका क्षेत्र में आना बहुत ही कम हो गया है?
-जब मैं सांसद चुना गया तो मैंने तुरंत क्षेत्र में अपना स्थायी कार्यालय स्थापित किया और इसके अतिरिक्त अपने निवास पर भी जनता से नियमित मिलता रहा। प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व मिलने के बाद निश्चित तौर पर मेरा समय बंटा है फिर भी मेरा कार्यालय, मैं और सहयोगी सदैव जनता के लिए उपलब्ध रहते हैं। गत कुछ माह में विभिन्न संगठनात्मक कार्यों के लिए, क्षेत्र की समस्याओं को लेकर धरने-प्रदर्शनों में, सामाजिक संस्थाओं द्वारा आयोजित उत्सवों में मेरी उपलब्धता क्षेत्र की जनता के लिए बनी रही है। अपने अध्यक्षीय कार्यकाल में ही गत कुछ माह में ही मैंने सिग्नेचर ब्रिज को पूर्ण कराने के लिए गंभीर प्रयास किए हैं, केंद्रीय विद्यालय का शिलान्यास कराया है, 35 पार्कों में ओपन जिम लगवाए हैं, दो करोड़ रुपये सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए दिए हैं जो मेरे और मेरे क्षेत्रवासियों के बीच के रिश्ते को मजबूती देते हैं। मेरे क्षेत्र के लोगों ने मुझे जो स्नेह एवं शक्ति देते हैं उसी के बल पर मैं न सिर्फ दिल्ली में भाजपा को मजबूत करने के लिए कार्य कर रहा हूं बल्कि देश के विभिन्न राज्यों में पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करता हूं।