दिल्ली के इस इलाके के लोगों के लिए खुशखबरी, कोई नया कर नहीं; NDMC का बड़ा फैसला
निगम की ओर से लगाए हुए वर्तमान टैक्स, फीस, सेस आदि की 2018-19 के दरों में कोई वृद्धि नहीं करेंगे। साथ ही 2019-20 में भी कोई नया कर नहीं लगाया जाएगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। नेता सदन तिलक राज कटारिया ने बुधवार को आम आदमी पार्टी (AAP) पार्षदों के हंगामे के बीच उत्तरी दिल्ली नगर निगम का संशोधित वित्तीय बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि निगम की ओर से लगाए हुए वर्तमान टैक्स, फीस, सेस आदि की 2018-19 के दरों में कोई वृद्धि नहीं करेंगे। साथ ही 2019-20 में भी कोई नया कर नहीं लगाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि स्टॉफ का वेतन, पेंशन और नियमतीकरण का एरियर तथा ठेकेदारों का बकाया भुगतान भी आगामी वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले ही कर दिया जाएगा। इसके लिए लगभग 30 योजनाएं चालू की गई हैं।
इस दौरान कटारिया ने दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि दिल्ली सरकार एक गुप्त एजेंडे के आधार पर नगर निगम की ओर से समाज के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग की सारी योजनाओं को खत्म करने के लिए राजनैतिक चाल चल रही है।
हर वार्ड में 150 लोगों को मिलेगी आर्थिक मदद कटारिया ने कहा कि अब निगम हर वार्ड में 150 लोगों को पार्षद की सिफारिश पर एक वर्ष में एक व्यक्ति को अधिकतम 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की व्यवस्था करेगा। इससे उन लोगों को मदद मिलेगी, जो आर्थिक सहायता न मिल पाने के कारण पिछड़ जाते हैं। अटल रसोई योजना के अंतर्गत 10 रुपये में मिलेगी थाली कटारिया ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को पेट भर भोजन उपलब्ध कराना प्रधानमंत्री का घोषित लक्ष्य है।
इसके लिए प्रत्येक वार्ड में पांच स्थानों पर नगर निगम अटल रसोई योजना के अंतर्गत 10 रुपये की थाली अप्रैल से उपलब्ध कराने की योजना है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे शालीमार बाग के वार्ड नंबर 63 में शुरू भी कर दिया गया है।
इसके लिए 10 करोड़ 40 लाख की राशि बजट में उपलब्ध की गई है। कॉलोनियों के विकास के लिए भी फंड का प्रावधान सफाई व विकास को लेकर भी कटारिया ने बजट राशि देने की घोषणा की।
इस दौरान उन्होंने कहा कि अगले वर्ष के लिए प्रत्येक वार्ड में सफाई के लिए 25 लाख रुपये अवार्ड, एक करोड़ रुपये विकास फंड, स्ट्रीट लाइटों के लिए 25 लाख रुपये, सड़कों के विकास के लिए 50 लाख रुपये, नियमित कॉलोनियों के विकास के लिए 50 लाख रुपये, अनियमित कॉलोनियों के विकास के लिए 200 लाख रुपये देने के साथ ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 108 लाख, नरेला विकास के लिए 270 लाख और ग्रामीण विकास के लिए 12 करोड़ रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे। साथ ही प्रत्येक वार्ड में एनजीओ की ओर से एक-एक फिजियोथेरेपी सेंटर खोलने का प्रयास है।