रेल भवन के सामने प्रदर्शन के मामले में केजरीवाल व सिसोदिया पर आरोप तय, संजय सिंह को राहत
रेल भवन के सामने प्रदर्शन करने के मामले में अरविंद केजरीवाल सिसोदिया सोमनाथ भारती और राखी बिड़ला के खिलाफ राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आरोप तय कर दिए है।
नई दिल्ली, जेएनएन। 2014 में रेल भवन के सामने प्रदर्शन करने के एक मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्य के पूर्व कानून मंत्री और विधायक सोमनाथ भारती और विधायक राखी बिड़ला के खिलाफ राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आरोप तय कर दिए है। हालांकि, राज्यसभा सांसद संजय सिंह और पूर्व आप नेता आशुतोष को कोर्ट ने बरी कर दिया है।
केजरीवाल समेत अन्य नेताओ के खिलाफ आईपीसी की धारा 145, 147,149 ,332 के तहत आरोप तय किये गए। केजरीवाल, सिसोदिया कोर्ट में पेश नही हुए थे। उन्हें कोर्ट ने पेशी से छूट दे दी थी। इस वजह से उनके वकीलों ने कोर्ट के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए, जबकि सोमनाथ भारती कोर्ट में मौजूद थे। राखी बिड़ला कोर्ट नहीं पहुच पाई थी उन्हें अगली तारीख में पेश हो कर कोर्ट के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर होंगे।
ये मामला 2014 का है। दुष्कर्म के एक मामले में केजरीवाल उस समय के गृह मंत्री से मिलना चाहते थे। केजरीवाल की मांग थी कि दिल्ली पुलिस के कुछ अधिकारियों को सस्पेंड किया जाए। केजरीवाल से उस समय गृह मंत्री नहीं मिले थे। लिहाजा, केजरीवाल बाकी नेताओं के साथ रेल भवन पर प्रदर्शन करने लगे। इस मामले में कोर्ट ने सभी 6 नेताओं को जमानत दे दी थी।
बता दें कि जनवरी 2014 में बड़ी संख्या में आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं ने रेल भवन के बाहर प्रदर्शन किया था। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शन की जगह पर धारा 144 लागू की थी। ऐसे में रोक होने पर भी प्रदर्शन करने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, आप नेता संजय सिंह, आशुतोष, राखी बिड़ला व सोमनाथ भारती के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने सरकारी काम में बाधा, दंगा फैलाने व अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था।