Haryana politics: गुरुग्राम व फरीदाबाद में कांग्रेस गरमाएगी सियासत, 64 गांवों को निगम में शामिल करने का विरोध
Haryana politics विरोध के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि फरीदाबाद नगर निगम में पहले शामिल किए गए गांव बदहाल हैं। गुरुग्राम नगर निगम में शामिल गांवों की पंचायतों में जमा भूमि मुआवजे की राशि भी लगातार कम हो रही है।
नई दिल्ली/फरीदाबाद/गुरुग्राम [बिजेंद्र बंसल]। Haryana politics: कांग्रेस गुरुग्राम और फरीदाबाद के 64 गांवों को नगर निगम का हिस्सा बनाए जाने का विरोध करेगी। सरकार ने गुरुग्राम के 38 और फरीदाबाद के 26 गांवों को नगर निगम में शामिल करने का प्रस्ताव तैयार कराया है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कुमारी सैलजा का कहना है कि भाजपा सरकार को राज्य में सबसे पहले गठित हुए फरीदाबाद नगर निगम की आॢथक स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। राज्य सरकार पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा है और स्थानीय निकाय संस्थाएं राजनीतिक हस्तक्षेप से खोखली हो रही हैं। फरीदाबाद नगर निगम में पहले शामिल किए गए गांव बदहाल हैं। गुरुग्राम नगर निगम में शामिल गांवों की पंचायतों में जमा भूमि मुआवजे की राशि भी लगातार कम हो रही है। दोनों बड़े शहरों के नगर निगम में शामिल गांव पहले से भी बदहाल अवस्था में हैं। अब सरकार उन 64 गांवों को नगर निगम का हिस्सा बनाने पर तुली है जिनमें भूमि मुआवजे की भारी-भरकम राशि जमा है। कांग्रेस इसका दोनों जिलों में विरोध करेगी। बता दें, सरकार के इस फैसले का दोनों जिलों में ग्रामीणों के स्तर पर विरोध हो रहा है।
वहीं, अवतार भड़ाना (पूर्व सांसद, फरीदाबाद) का कहना है कि फरीदाबाद नगर निगम में शामिल गांव बडख़ल, अनंगपुर, अनखीर,नवादा कोह से लेकर अन्य गांवों की दशा पहले से भी बदतर हो गई है। नगर निगम भ्रष्टाचार के अड्डे बन चुके हैं। ग्रामीण नहीं चाहते कि उनके गांव निगम का हिस्सा बनें, क्योंकि ग्रामीण पहले से निगम में शामिल गांवों की स्थिति जानते हैं। ग्रामीणों का विरोध को जायज है। वैसे भी यह फैसला राजनीतिक दृष्टि से लिया जा रहा है। राज्य सरकार इन गांवों को महाग्राम योजना के तहत विकसित करे।
Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो