कांग्रेस को भा रही सत्ता पक्ष में चल रही गुटबाजी, चर्चा में डिनर व लंच डिप्लोमेसी
सत्ता पक्ष में चल रही गुटबाजी से प्रदेश के कांग्रेसी नेता राजी है। उन्हें घर बैठे भाजपा पर हमला करने का मौका मिल रहा है।
रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य]। सत्ता पक्ष में चल रही गुटबाजी से प्रदेश के कांग्रेसी नेता राजी है। उन्हें घर बैठे भाजपा पर हमला करने का मौका मिल रहा है। हालांकि भाजपा किसी तरह की गुटबाजी से इनकार कर रही है, मगर कांग्रेस ने प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज की कार्यप्रणाली, राव इंद्रजीत विरोधियों की डिनर व लंच डिप्लोमेसी व बिजली मंत्री चौ. रणजीत सिंह के उस बयान को मुद्दा बनाना शुरू कर दिया, जिसमें उन्होंने बिजली बिल न भरने वाले लोगों के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने से वंचित करने की बात कही थी।
हालांकि उपरोक्त सभी मुद्दों पर सत्तारूढ़ दल के नेताओं की ओर से सफाई आ चुकी है, परंतु सफाई के बावजूद इस बात में कोई संदेह नहीं है कि सत्तापक्ष के नेता विरोधियों के हाथ में खुद मुद्दा थमा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो पार्टी में ही मनोहर को कमजोर करने के लिए कुछ नेता सक्रिय है। इसी कारण बार-बार सत्ता पक्ष को असहज करने वाली बातें बाहर आ रही है। बाहर आ रही अनिल विज के कार्यालय की कुछ गतिविधियां आम लोगों की नजर में बेशक उन्हें धाकड़ नेता बना रही है, परंतु इससे प्रदेश के मुखिया की शक्ति कम हो रही है। विपक्ष को यही कार्यप्रणाली अब रास आ रही है। राव इंद्रजीत सिंह के धुर विरोधी पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह व विधानसभा उपाध्यक्ष संतोष यादव की डिनर व लंच डिप्लोमेसी पर भी अब कांग्रेस तंज कस रही है।
कांग्रेस ने ऐसे चलाए तीर
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि आए दिन कांग्रेस की गुटबाजी पर तंज कसकर मजाक उड़ाते रहने वाली भाजपा की अब हालत यह कि भाजपा की गुटबाजी जूतों में दाल की तरह बंट रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल व गृह मंत्री अनिल विज एक दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। भाजपा में सत्ता व वर्चस्व के लिए मारामारी मची है। पार्टी विद डिफरेंस के नेता एक दूसरे को नीचा दिखा रहे हैं। प्रदेश में सत्ता के तीन केंद्र बन चुके हैं, जिससे पूरा प्रशासन प्रभावित है।
डैमेज कंट्रोल में जुटी भाजपा
ताजा घटनाक्रम से भाजपा भी अनजान नहीं है, इसीलिए पार्टी डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। दिल्ली दरबार से जहां विज की सार्वजनिक बयानबाजी पर अंकुश लगने की बातें बाहर आई है, वहीं बिजली मंत्री चौ. रणजीत सिंह ने भी कह दिया है कि बिजली बिल न भरने वालों के बच्चों को परीक्षा से वंचित करने की कोई कार्ययोजना ही नहीं है। इधर, अहीरवाल के राव विरोधी नेता भी यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि कहीं कोई गुटबाजी नहीं है, मगर इस तरह की सफाई पर अक्सर यही सुनने में आ रहा है कि ये पब्लिक है सब जानती है।