CAA Protest case : जमानत के साथ चंद्रशेखर को मिली कोर्ट से नसीहत 'PM का सम्मान करें'
CAA Protest case यह नसीहत अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (Additional Session Judge) कामिनी लाउ ने चंद्रशेखर को कुछ शर्तों के साथ जमानत देने के दौरान दी।
नई दिल्ली [सुशील गंभीर]। नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (National Register of Citizenship) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान लोगों को भड़काने के आरोप में दिल्ली की कोर्ट ने बुधवार को भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को जमानत देने के साथ नसीहत भी दी। कोर्ट ने बुधवार को चंद्रशेखर को कई शर्तों के साथ जमानत देने के साथ यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री का सम्मान करें। यह नसीहत अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (Additional Session Judge) कामिनी लाउ ने चंद्रशेखर को कुछ शर्तों के साथ जमानत देने के दौरान दी।
... इसलिए कोर्ट को करनी पड़ी टिप्पणी
यहां पर बता दें कि सुनवाई के दौरान कोर्ट में चंद्रशेखर के वकील महमूद प्राचा ने जमानत देने के पक्ष में तर्क रखते हुए कहा कि 20 दिसंबर को चंद्रशेखर का प्रदर्शन CAA के विरोध में था। वकील ने यह भी जोड़ा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोई दिक्कद होती है तो वे पुलिस को आगे कर देत हैं। इस पर कोर्ट ने चंद्रशेखर को नसीहत के लहजे में कहा कि चंद्रशेखर को प्रधानमंत्री और संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करना चाहिए।
बता दें कि 20 दिसंबर को दिल्ली की जामा मस्जिद के बाहर CAA-NRC के खिलाफ प्रदर्शन बड़ी संख्या में प्रदर्शन हुआ था। इस दौरान किसी तरह छिपते-छिपाते भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर भी आ गए। दिल्ली पुलिस का आरोप कि अपने संबोधन के दौरान उन्होंने न केवल लोगों को भड़काया और भड़काऊ भाषण दिए, बल्कि आपत्तिजनक भाषण भी इस्तेमाल की। वहीं, दिल्ली के उत्तरी पूर्वी दिल्ली के दरियागंज इलाके में 20 दिसंबर को ही हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस ने कई अन्य आरोपितों के साथ चंद्रशेखर को भी गिरफ्तार कर लिया था।
जानिए- आखिर क्यों मुश्किल से मिली चंद्रशेखर को जमानत
यहां पर बता दें कि दरियागंज हिंसा मामले में ही अब तक तकरीबन सभी आरोपितों को जमानत दी जा चुकी है, लेकिन भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर को बड़ी मुश्किल से जमानत मिली है, उसके पीछे एक बड़ी वजह है कई सख्त धाराओं का लगना। इसी वजह से तकरीबन महीने भर उन्हें तिहाड़ जेल में सलाखों के पीछे रहना पड़ा। दरअसल, चंद्रशेखर पर भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी की धारा 186, 353, 332, 147, 148, 149, 160, और 353 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बता दें कि चंद्रशेखर पर दिल्ली के साथ-साथ इससे सटे राज्य उत्तर प्रदेश में भी कई संगीन मामले दर्ज हैं। उन पर सहारनपुर में बड़ी हिंसा का भी आरोप है, जिसमें वह लंबे समय तक जेल में भी रहे। इस दौरान हालत खराब होने पर चंद्रशेखर का अस्पताल में भी रहना पड़ा था।