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CAA Delhi Protest: जामिया समन्वय समिति में पड़ी फूट आई सामने, मीटिंग की तस्वीरें लीक

10 फरवरी को निकाले मार्च में कथित रूप से पुलिस की कार्रवाई में प्रदर्शनकारियों के घायल होने को लेकर बुधवार को हुई प्रेसवार्ता में समन्वय समिति के सदस्यों ने ही इस उजागर किया।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 08:43 AM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 08:43 AM (IST)
CAA Delhi Protest: जामिया समन्वय समिति में पड़ी फूट आई सामने, मीटिंग की तस्वीरें लीक
CAA Delhi Protest: जामिया समन्वय समिति में पड़ी फूट आई सामने, मीटिंग की तस्वीरें लीक

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। CAA Delhi Protest: जामिया मिल्लिया इस्लामिया में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) व राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) विरोधी प्रदर्शनों का संचालन करने के लिए जामिया मिल्लिया के छात्रों ने जामिया समन्वय समिति का गठन किया था। इस फूट को पहली बार सार्वजनिक तौर पर 10 फरवरी को संसद भवन तक मार्च के दौरान देखा गया था, जब कुछ छात्र विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर के कहने पर वापस लौटना चाहते थे, जबकि कुछ प्रदर्शनकारी पुलिस को किसी भी कीमत पर उकसाना और दंगा भड़काना चाहते थे। इन्हीं कोशिशों के तहत पुलिस कर्मियों पर भद्दी टिप्पणियां भी की गई थीं और बैरिकेडिंग को लांघने व बैरिकेड्स को हटकार साथ ले जाने की कोशिश की गई थी।

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बहरहाल, प्रदर्शनकारियों ने 10 फरवरी को निकाले मार्च में कथित रूप से पुलिस की कार्रवाई में प्रदर्शनकारियों के घायल होने को लेकर बुधवार को हुई प्रेसवार्ता में समन्वय समिति के सदस्यों ने ही इस बात को उजागर किया। पुलिस पर आरोप लगाते हुए उन्होंने बताया कि उनके बीच होने वाली बैठकों की तस्वीरें पुलिस के पास पहुंच रही हैं। जामिया समन्वय समिति ने पुलिस की कार्रवाई में घायल हुए छात्रों को लेकर जामिया गेट संख्या 18 पर प्रेस वार्ता आयोजित की थी।

इस दौरान छात्रों ने आरोप लगाया कि 50 से अधिक छात्र पुलिस की कार्रवाई में घायल हुए हैं। लेकिन इसी दौरान समिति की सदस्य एक छात्र ने बताया कि समिति के ही सदस्य पुलिस को समिति की बैठकों की तस्वीरें और वीडियो भेज रहे हैं। इसे बाद में पुलिस उन्हें दिखाकर धमकाने का प्रयास कर रही है। इस दौरान साफ हो गया कि पिछले दो माह से धरने का संचालन कर रही जामिया समन्वय समिति के बीच में फूट पड़ गई है। इसके चलते समिति की बैठकों में लिए जाने वाले नीतिगत निर्णयों की जानकारी पुलिस तक पहुंच रही है।

हालांकि छात्र के इस बयान के बाद अन्य सदस्यों ने छात्र को रुकने का इशारा किया और अन्य पीड़ित छात्र को अपनी बात रखने का मौका दिया। समन्वय समिति ने पुलिस पर केमिकल हमला करने का भी आरोप भी लगाया है। हालांकि यह आरोप सिर्फ एक अफवाह से उपजा था क्योंकि प्रदर्शन के दौरान मीडियाकर्मी भी वहीं मौजूद थे लेकिन किसी भी मीडियाकर्मी को केमिकल हमले के साक्ष्य नहीं मिले।

वीर सिंह (पूर्व निगम पार्षद) का कहना है कि  सरिता विहार और जसोला में रहने वाले लोगों को मार्ग बंद होने के कारण बहुत परेशानी उठानी पड़ रही है। कोर्ट की सुनवाई के बाद अगर रास्ता नहीं खुलेगा तो हम आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेंगे।

राजेंद्र कुमार मीणा (डीसीपी दक्षिण) के मुताबिक, पूर्व हम प्रदर्शनकारियों से बात कर मार्ग खुलवाने का प्रयास कर रहे हैं। लोगों से अपील की जा रही है कि वह मार्ग खाली कर दें इससे लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जल्द ही समस्या का समाधान कराया जाएगा।


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