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खराब पानी और प्रदूषण से सब परेशान, जिम्मेदार लोगों के खिलाफ हो कार्रवाईः मनोज तिवारी

दिल्ली में प्रदूषण और खराब पानी के मुद्दे पर उत्तर-पूर्व दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली सरकार की कड़ी निंदा की है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 11:15 AM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 01:37 PM (IST)
खराब पानी और प्रदूषण से सब परेशान, जिम्मेदार लोगों के खिलाफ हो कार्रवाईः  मनोज तिवारी
खराब पानी और प्रदूषण से सब परेशान, जिम्मेदार लोगों के खिलाफ हो कार्रवाईः मनोज तिवारी

नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली में प्रदूषण और खराब पानी के मुद्दे पर उत्तर-पूर्व दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली सरकार की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण से लोग परेशान हैं। यहां पर हेल्थ इमरजेंसी है। मनोज तिवारी ने कहा कि पानी पीने लायक नहीं है। भाजपा सांसद ने कहा कि इन सभी के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

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 इससे पहले मनोज तिवारी संसद सत्र में भाग लेने के लिए साइकिल से पहुंचे। मनोज तिवारी ने प्रदूषण से परेशान लोगों को संदेश देने की कोशिश की।

खुद साइकिल चलाते हुए मनोज तिवारी को देख भीड़ जुट गई और मीडियाकर्मियों ने उन्हें घेर लिया। बता दें कि जहां सभी सांसद गाड़ी से संसद पहुंचे वहीं मनोज तिवारी ने साइकिल से पहुंचकर यह जताने की कोशिश की कि दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सभी लोगों के सहयोग की जरुरत है।

उत्तर-पूर्व दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी के अलावा गुजरात से भाजपा सांसद मनसुख मंडाविया भी साइकिल चलाकर संसद पहुंचे।

वहीं गाजियाबाद से सांसद और केंद्रीय मंत्री जरनल वीके सिंह भी संसद पहुंचे। वह अभिनेत्री और भाजपा सांसद किरण खेर के साथ संसद में पहुंचे।

सत्र हंगामेदार रहने के आसार

शीतकालीन सत्र में नागरिकता (संशोधन) विधेयक, आर्थिक सुस्ती और कश्मीर जैसे मसलों पर हंगामे के आसार हैं। 18 नवंबर से 13 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र में कुल 47 विधेयक एवं प्रस्ताव संसद में रखे जाने हैं। पहले दिन संसद में चिटफंड (संशोधन) विधेयक, 2019 पेश किया जा सकता है। सत्र में सरोगेसी (रेगुलेशन) बिल, ई-सिगरेट पर प्रतिबंध के लिए विधेयक समेत कई अन्य महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद है।

बता दें कि पिछला सत्र लोकसभा के इतिहास में सबसे सफल सत्र रहा था। लोकसभा में 35 विधेयक पारित हुए थे, जबकि राज्यसभा से 32 विधेयकों को स्वीकृति मिली थी। इस बार शीतकालीन सत्र में विपक्ष आर्थिक मंदी, बेरोजगारी और कृषि संकट के मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग कर सकता है।

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