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ऑड-इवेन पर भाजपा नेता विजय गोयल ने उठाए सवाल, कहा- केजरीवाल झूठ बोल रहे हैं

पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य विजय गोयल ने कहा कि प्रदूषण बड़ा चुनावी मुद्दा होगा और इसको लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार झूठ बोल रहे हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 08:21 AM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 08:21 AM (IST)
ऑड-इवेन पर भाजपा नेता विजय गोयल ने उठाए सवाल, कहा- केजरीवाल झूठ बोल रहे हैं
ऑड-इवेन पर भाजपा नेता विजय गोयल ने उठाए सवाल, कहा- केजरीवाल झूठ बोल रहे हैं

नई दिल्ली, जेएनएन। ODD EVEN Retrun: दिल्ली में फिर से ऑड-इवेन (विषम-सम) लागू करने के दिल्ली सरकार (Delhi Government) के फैसले पर भाजपा (BJP) सवाल उठा रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य विजय गोयल ने कहा कि प्रदूषण बड़ा चुनावी मुद्दा होगा और इसको लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री दिल्ली में 25 फीसद प्रदूषण कम होने की बात कर रहे हैं तो फिर वह ऑड-इवेन क्यों लागू कर रहे हैं?

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आंकड़ों पर उठे सवाल

उन्होंने दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण के स्तर को लेकर दिए जा रहे आंकड़ों पर भी सवाल उठाया। उनका कहना है कि सरकार वर्ष 2014 से 2018 के बीच पीएम-2.5 का औसत स्तर 115 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर बता रही है जबकि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के आंकड़ों के अनुसार यह 128 है। वहीं, पीएम-10, कार्बन मोनोऑक्साइड व अन्य प्रदूषक तत्वों को लेकर वह चुप है, क्योंकि इन सभी के स्तर में कमी नहीं हुई है।

ऑड इवेन कारगर उपाय नहीं 

वह प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), ऊर्जा और संसाधन संस्थान (टेरी), पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने भी दिल्ली में ऑड-इवेन को प्रदूषण स्तर कम करने का कारगर उपाय नहीं माना है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी कहा है कि दो साल में दिल्ली को प्रदूषण मुक्त किया जाएगा।

पराली पर फिर राजनीति

वहीं, अरविंद केजरीवाल यह कह रहे हैं कि नवंबर में पड़ोसी राज्यों में पराली जलने से दिल्ली में प्रदूषण होगा। उन्हें मालूम होना चाहिए कि पराली के सुरक्षित निस्तारण के लिए केंद्र सरकार ने हरियाणा और पंजाब के किसानों को 11 हजार करोड़ रुपये दिए हैं। उन्होंने कहा कि पिछली बार दो पहिया वाहनों को ऑड-इवेन से बाहर रखने को लेकर मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) में लिखकर दिया था कि दिल्ली में सार्वजनिक वाहनों की कमी है।

दिल्‍ली में बसों की कमी क्‍यों
दिल्ली सरकार को बताना चाहिए कि बसों की कमी क्यों नहीं दूर हुई? प्रदूषण कम करने को लेकर समीक्षा कमेटी के सुझाव पर भी दिल्ली सरकार ने काम नहीं किया। स्मॉक फ्री टॉवर लगाने, मशीन से सड़कों की सफाई करने, रैपिड रेल चलाने, साइकिल व पैदल पथ बनाने, मेट्रो फेज-4 का काम पूरा करने के सुझाव दिए गए थे जिस पर काम नहीं हुआ।

मनोज तिवारी ने भी उठाए सवाल

वहीं दिल्ली के भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर ऑड-इवेन योजना का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि मोटर वाहन संशोधित अधिनियम लागू होने के बाद सभी वाहन चालक अपने वाहनों की जांच कराकर प्रदूषण प्रमाण पत्र ले रहे हैं।

बच्‍चों को स्‍कूल लाने पहुंचाने में पेरेंट्स को होगी असुविधा

दिल्ली में कई लोग अपने बच्चों को रोजाना स्कूल छोड़ने और लाने जाते हैं। ऐसे में ऑड-इवेन लागू होने से उन्हें परेशानी होगी। सार्वजनिक वाहनों को बढ़ाने की दिशा में सरकार कोई ठोस उपाय नहीं कर रही है। दिल्ली के लोगों के हित में सरकार को अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए। बिना कारण दिल्लीवालों को परेशानी में डालना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह की योजना लागू करने के बजाय सार्वजनिक वाहनों की कमी दूर की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के प्रयास से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कम हो रहा है।

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