बिहार के दिग्गज BJP नेता और श्रेष्ठ सांसद ने कहा- राष्ट्र के लिए खत्म करना होगा जातिवाद
हुकुमदेव नारायण यादव ने करीब 40 मिनट के संबोधन में खेत खलिहान से लेकर जम्मू कश्मीर की धारा 370 अयोध्या के राम मंदिर का मामला और शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव पर प्रकाश डाला।
रेवाड़ी [ज्ञान प्रसाद]। 'युवा जब अपना दृष्टिकोण बदलकर कुछ कर गुजरने की सोचता है न तब उसका प्रभाव न केवल परिवार पर पड़ता है बल्कि समाज और राष्ट्र तक को प्रभावित करता है। स्वामी विवेकानंद या डॉ. राममनोहर लोहिया इसके उदाहरण है। आज फिर से देश के स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में इसी प्रकार की शिक्षा और दीक्षा देने की आवश्यकता है। इसके लिए सरकार के साथ शिक्षण संस्थानों को उसी प्रकार का माहौल सृजित करने की जरूरत है।' यह कहना है श्रेष्ठ सांसद का सम्मान प्राप्त करने वाले पद्मभूषण पुरस्कार विजेता हुकुमदेव नारायण यादव का।
वे सोमवार शाम को मीरपुर स्थित इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय में आयोजित युवा महोत्सव के समापन सत्र पर बतौर मुख्य अतिथि विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने अपने करीब 40 मिनट के संबोधन में गांव के खेत खलिहान से लेकर, जम्मू कश्मीर की धारा 370, अयोध्या के राम मंदिर का मामला और शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि हम उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद जितने बड़े महान बनें लेकिन अपनी मातृभूमि, संस्कृति, संस्कार और नैतिक मूल्यों की जड़ को नहीं छोड़ना चाहिए। हिंदी और संस्कृत भाषा भारत, हरियाणा, अमेरिका, रूस या किसी भी देश में समान रूप से बोली जाती है, लेकिन अंग्रेजी भाषा के लेखन और बोलचाल हर देश में बदलती है। हम को अपनी लोकसंस्कृति, भाषा से जुड़कर अनुसंधान करना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थी की परिभाषा बताते हुए कहा कि जो सोते हुए भी देश समाज और करियर के प्रति चिंतन करता है वह हमेशा कामयाब होता है।
पहली बार बदली पद्मभूषण पुरस्कार वितरण प्रक्रिया
उन्होंने सरकार द्वारा प्रदान किए गए पद्मभूषण पुरस्कार पर कहा कि सरकार ने उनके द्वारा दिए गए सुझाव के आधार पर पुरस्कार प्रक्रिया में बदलाव किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा कि पद्मश्री पुरस्कार केवल बड़ी हस्तियों को ही क्यों दिया जाता है किसान, मजदूर, श्रमिक, दबे कुचले मेहनतकश को क्यों नहीं दे सकते। तब सरकार ने चयन प्रक्रिया में बदलाव करते हुए मुझ जैसे गांव की माटी से जुड़े सामान्य नागरिक वह भी राजनीति से जुड़े व्यक्ति को इतना बड़ा सम्मान प्रदान किया।
मीरपुर स्थित इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय में आयोजित हुए युवा महोत्सव ¨हडोला-2019 इस बार कई मायनों में अलग रहा। तीन दिन तक चले आयोजन में रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ जिला के 136 कॉलेजों में से 53 कॉलेजों ने प्रतिभागिता दिखाई। इसमें जिला के कॉलेजों ने उपस्थिति तो दर्ज कराई लेकिन प्रतिभागिता में उत्साह नहीं दिखाया। कभी ओवरऑल खिताब जीतने वाले कॉलेज आज प्रथम तीन स्थान में भी जगह नहीं बना पा रहे हैं। शहर के केएलपी पीजी कॉलेज, अहीर पीजी कॉलेज तथा राजकीय महिला महाविद्यालय रेवाड़ी टॉप तीन के प्रतिभागी हुआ करते थे। इस बार प्रतिभागिता में रुचि नहीं दिखाने के कारण पिछड़ते चले गए। जिन स्पर्धाओं में प्रतिभागिता दिखाई उनमें से अधिकांश में खिताब जीतकर लौटे हैं।
सांस्कृतिक क्षेत्रों में नहीं दिखाई रुचि
शहर के प्रमुख कॉलेज केएलपी पीजी कॉलेज ने 3-3 स्पर्धाओं में प्रथम व द्वितीय तथा चार में तृतीय स्थान प्राप्त कर कुल 10 पदक जीते। कॉलेज की प्रतिभागियों ने कुल 20 स्पर्धाओं में हिस्सा लिया था। यह कॉलेज वर्ष 2015-16 व 2016-17 में ओवरऑल चैंपियन रहा है जबकि 2014-15 में रनरअप था।
अहीर कॉलेज को तीन प्रथम, एक द्वितीय तथा पांच तृतीय पुरस्कार
अहीर पीजी कॉलेज ने हरियाणवी आर्केस्ट्रा, हिंदी स्किट, लाइट म्यूजिक गीत भजन में प्रथम स्थान, पंजाबी काव्य पाठ में द्वितीय तथा हरियाणवी स्किट, क्ले मॉडलिंग, अंग्रेजी व हरियाणवी काव्यपाठ व ऑन द स्पॉट पेंटिंग में तृतीय स्थान प्राप्त किया। कुल 9 पदक जीते। यह कॉलेज भी वर्ष 2014-15 के दौरान ओवरऑल चैंपियन था। इसके बाद 2017 तक रनरअप रहा।