उग्र प्रदर्शन केस में गिरफ्तार भीम आर्मी चीफ समेत 96 लोगों को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजा
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने चंद्र शेखर आजाद को गिरफ्तार कर लिया है। भीम आर्मी चीफ के खिलाफ गोविंद पुरी थाने में आइपीसी की धारा- 147 149 186 353 332 के तहत केस दर्ज किया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। Ravi Das Temple demolition issue: सुप्रीम कोर्ट [Supreme Court] के आदेश से तुगलकाबाद स्थित संत रविदास के मंदिर को हटाए जाने के विरोध में और इसे दोबारा बनवाने की मांग को लेकर दिल्ली में बुधवार को उग्र प्रदर्शन में गिरफ्तार भीम आर्मी के मुखिया चंद्र शेखर आजाद (Bhim Army Chief Chandrashekhar Azad) समेत सभी 96 अरोपितों को दिल्ली की कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। गौरतलब है कि बुधवार देर रात दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने चंद्र शेखर आजाद को गिरफ्तार कर लिया था। भीम आर्मी चीफ के खिलाफ गोविंद पुरी थाने में आइपीसी की धारा- 147, 149, 186, 353, 332 के तहत मामला दर्ज किया था। चंद्रशेखर समेत कुल 96 लोग गिरफ्तार हुए हैं। सभी को बृहस्पतिवार को दिल्ली की साकेत कोर्ट में पेश किया गया, जहां पर कोर्ट ने सभी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
भीम सेना के चंद्रशेखर समेत 47 हिरासत में लिए गए थे
बुधवार को कई राज्यों से जुटे समर्थकों और पुलिस के बीच गुरु रविदास मार्ग पर हिंसक झड़प हुई। दोनों ओर से चले लाठी, डंडे और पत्थरबाजी में कई आंदोलनकारी और कुछ पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं। हालात को काबू करने के लिए पुलिस को लाठी चलानी पड़ी, आंसू गैस के गोले दागने पड़े और हवाई फायरिंग करनी पड़ी। इस दौरान हुए फसाद में 15 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
इससे पहले बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने अंबेडकर नगर में भीड़ ने एक गाड़ी को आगे के हवाले कर दिया, पुलिस पर पत्थरबाजी की। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। झड़प में कुछ पुलिसकर्मी और कुछ प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तुगलकाबाद में वन क्षेत्र में स्थित इस मंदिर को 10 अगस्त को हटाया गया था, जिसको लेकर रविदास समाज में रोष है।
रामलीला मैदान में बुधवार को रैली के बाद करीब बीस हजार लोग लाठी-डंडा, सरिया, चिमटा लेकर पैदल मार्च में शामिल हुए। पंजाब, हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान व महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों से जुटी भीड़ ने मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए तुगलकाबाद का रुख किया। भीड़ कनॉट प्लेस, मंडी हाउस, इंडिया गेट, निजामुद्दीन, आश्रम, मोदी मिल होते हुए अंबेडकर नगर पहुंची। वहां संत रविदास मार्ग पर पुलिस से प्रदर्शनकारियों की भिड़ंत हो गई।
प्रदर्शनकारियों के पैदल मार्च से मध्य दिल्ली के साथ ही नई दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली की अधिकांश सड़कों पर दोपहर से देर रात तक भारी जाम रहा। इसमें स्कूली बसों से लेकर एंबुलेंस तक फंस गईं। कई लोगों की ट्रेन और फ्लाइट छूटी। विदेशी पर्यटकों को भी परेशानी हुई। रविदास समाज के इस विरोध प्रदर्शन में दिल्ली पुलिस की विफलता भी उजागर हुई। पुलिस रामलीला मैदान से लेकर अंबेडकर नगर के पहले तक लाचार दिखाई दी।
पुलिस के खुफिया विभाग को इतनी भीड़ जुटने की तैयारियों की भनक तक नहीं लगी। इस कारण रामलीला मैदान में चंद पुलिसकर्मी तैनात थे। वहां अर्धसैनिक बल को भी तैनात नहीं किया गया था। सुबह से ही विभिन्न राज्यों से लोग रामलीला मैदान पहुंच रहे थे। पुलिस को यह भी जानकारी नहीं थी कि इसमें भीम सेना के चंद्रशेखर शामिल हो रहे हैं। चंद्रशेखर ने कार के ऊपर खड़े होकर भीड़ को अपनेसाथ तुगलकाबाद चलने को कहा। रामलीला मैदान से निकली भीड़ हमदर्द चौक पर ¨हसक हो गई। उसने टायर और नगर निगम के डस्टबिन फूंक दिए और लाल बत्ती को तोड़ दिया।
मामला जब पुलिस के हाथ से निकला
पुलिस ने सिविक सेंटर के सामने मिंटो रोड पर चंद्रशेखर को मनाने की कोशिश की। वह मान भी गए और भीड़ को रामलीला मैदान वापस जाने को कहा, लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने। इसके बाद मामला पुलिस के हाथ से निकल गया। पुलिस तब तक मामले को हलके में ले रही थी। इसलिए मिंटो रोड पर यातायात को भी नहीं रोका गया था। मिंटो रोड पर अर्धसैनिक बल को बुलाया गया।
पुलिस ने कई बार भीड़ को आगे मार्गों पर छकाने की कोशिश की। पहले कहा, जंतर-मंतर चलना है फिर मंडी हाउस होते हुए इंडिया गेट ले गई। इंडिया गेट पर भी पहले पुराना किला रोड पर आगे बढ़ाया गया। फिर वापस करते हुए जाकिर हुसैन मार्ग पर ले गए। इस बीच इंडिया गेट पर वाहन चालकों से प्रदर्शनकारियों की बहस भी हुई। हमदर्द चौक की घटना के अलावा करीब 15 किलोमीटर तक भीड़ अ¨हसक तरीके से आगे बढ़ती रही। मामला अंबेडकर नगर में जाकर बेकाबू हुआ। मौके पर भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने भी जमकर लाठी भांजी।
चला लुकाछिपी का खेल
गुरु रविवादास मार्ग के एक तरफ गोविंदपुरी व तुगलकाबाद एक्सटेंशन है और दूसरी ओर कालकाजी व तारा अपार्टमेंट। पुलिस द्वारा सख्ती बरते जाने पर संत रविदास के समर्थक भागकर इन कॉलोनियों की गलियों में घुस जाते। थोड़ी देर बाद वे फिर से निकलकर हंगामा करते और पुलिस उन्हें दौड़ाती। यह सिलसिला करीब एक घंटे तक चला। इस वजह से इन कॉलोनियो के लोगों में भी अफरातफरी मची रही। लोगों ने घरों के दरवाजे बंद कर लिए और छतों व खिड़कियों से पूरा हंगामा देखते रहे और वीडियो बनाते रहे।
सैकड़ों गाड़ियों के शीशे तोड़े
पुलिस ने आंदोलनकारियों को दौड़ाया तो कुछ लोग भागते हुए आसपास खड़ी गाड़ियों के शीशे तोड़ने लगे। भीड़ छंटने के बाद पता चला कि 100 से ज्यादा कारों, टेंपो सहित कई वाहनों के शीशे तोड़े गए हैं। पुलिस की जिप्सी व डीटीसी बस के भी शीशे तोड़े गए। लोगों ने एक बाइक भी फूंक दी।