Move to Jagran APP

करतारपुर कॉरिडोर से पिघलेगी भारत-पाकिस्तान में रिश्तों पर जमी बर्फ

कॉरिडोर के खुलने से दोनों मुल्कों के लोगों के बीच कला-संस्कृति की साझी विरासत को बढ़ावा मिलेगा, वहीं दशकों से खराब राजनीतिक और कूटनीतिक रिश्तों में गर्माहट आएगी।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 27 Nov 2018 08:47 AM (IST)Updated: Tue, 27 Nov 2018 08:47 AM (IST)
करतारपुर कॉरिडोर से पिघलेगी भारत-पाकिस्तान में रिश्तों पर जमी बर्फ
करतारपुर कॉरिडोर से पिघलेगी भारत-पाकिस्तान में रिश्तों पर जमी बर्फ

नोएडा [विजय तिवारी]। भारत-पाकिस्तान को जोड़ने वाला करतारपुर कॉरिडोर दोनों देशों के रिश्तों पर जमी बर्फ को पिघलाने का काम करेगी। इस कॉरिडोर के खुलने से दोनों मुल्कों के लोगों के बीच कला-संस्कृति की साझी विरासत को बढ़ावा मिलेगा, वहीं दशकों से खराब राजनीतिक और कूटनीतिक रिश्तों में गर्माहट आएगी। आस्था के लिहाज से भारत का यह निर्णय साहसिक है। हां, सामरिक दृष्टि से हमें और सचेत रहने की जरूरत है। यह कहना है लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरमीत सिंह का।

loksabha election banner

नोएडा स्थित दैनिक जागरण के कार्यालय में सोमवार को ‘क्या करतारपुर कॉरिडोर भारत-पाक में दोस्ती बढ़ा सकता है’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में उन्होंने बेबाकी से अपनी राय रखी। पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक से लेकर पाकिस्तान से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण कर रहा है। इसके बाद दोनों देशों के श्रद्धालुओं के लिए इसके दरवाजे खोल दिए जाएंगे। ये कॉरिडोर शांति का नया सेतु बन सकता है। इससे पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने वाले सिख श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी। यह वही जगह है जहां गुरु नानक देव ने 18 बरस गुजारे थे।

धर्म-आस्था को राजनीति से न जोड़ें

सेना में 40 वर्ष की सेवा दे चुके गुरमीत सिंह का कहना है कि आस्था और राजनीति को अलग ही रखना चाहिए। गलियारा खोले जाने को लेकर चल रही बयानबाजी पर उन्होंने कहा कि दोनों अलग ही विषय है। यह देश के 12 करोड़ सिख श्रद्धालुओं की आस्था का सवाल है। केंद्र की यह सार्थक पहल है। इसको राजनीति से न जोड़ा जाए। उन्होंने इस पर जोर दिया कि देश की सीमाओं व आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद होनी चाहिए।

दिल की दूरियां भी कम होंगी

दो बार एडीजी (मिलिट्री ऑपरेशन) की हैसियत से पाकिस्तान और सात बार सरहद मसले पर चीन जा चुके गुरमीत सिंह ने करतारपुर कॉरिडोर खुलने से लोगों के बीच दूरियां कम होंगी। कॉरिडोर के जरिये मात्र साढ़े तीन किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी, जबकि इससे पहले लाहौर के जरिये श्रद्धालुओं को 120 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

कॉरिडोर का मामला पुराना, अब मिली पहचान

परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, राष्ट्रपति से सम्मानित गुरमीत सिंह ने कहा कि कॉरिडोर खोलने का मामला पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की लाहौर यात्र के दौरान 1999 से ही चल रहा था, लेकिन अब इसको पहचान मिली। उन्होंने पहल को सकारात्मक बताते हुए मोदी के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि जब बर्लिन की दीवार ढह सकती है, उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया करीब आ सकते हैं तो भारत-पाक क्यों नहीं।

लकीरों से बांट दिया गुरुद्वारा

उन्होंने कहा कि अंग्रेजों की खींची गई रेडक्लिफ रेखा ने दोनों मुल्कों के बीच आस्था के केंद्र गुरुद्वारे को बांट दिया। अब दोबारा संवाद कायम होगा। उन्होंने कहा कि हमें विश्व महाशक्ति बनना है। दुनिया हमारी ओर देख रही है। अंतरिक्ष में हम झंडे गाड़ रहे हैं। ऐसे में हमें हर मामले में खुद को पाकिस्तान से तुलना न करके आगे की ओर सोचना होगा।

चुनौतियां भी कम नहीं, सतर्कता की जरूरत

उन्होंने कहा कि कॉरिडोर के खुलने से भारत के लिए सुरक्षा की दृष्टि से चुनौतियां और बढ़ जाएंगी। कुछ खालिस्तान समर्थकों का नेटवर्क अब भी देश-विदेश में चल रहा है। हालांकि, 1984 में ही इस संगठन को कुचल दिया गया था, लेकिन अब भी देश-विदेश में इसके सदस्यों की सक्रियता है। दूसरी ओर, हाल ही में अमृतसर ब्लास्ट भी इस ओर ध्यान देने पर मजबूर करता है कि हमें सुरक्षा व्यवस्था के प्रति चौकस रहना होगा।

इन बिंदुओं पर दिया जोर

  1. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और वहां की सेना के मंसूबे नापाक हैं, इससे सतर्क रहना होगा।
  2. भावुकता में न बहें, पाकिस्तान की गलत मंशा हो तो मुंहतोड़ जवाब दें।
  3. भारत अपनी सोच ऊंची रखे, बाधाएं आएंगी तो दूर भी होंगी।
  4. देश प्रथम की भावना रखें। उसके बाद समाज और व्यक्ति।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.