एक बार फिर चर्चा में हैं अनु दुबे, पुलिस के साथ सरकार पर भी उठाए सवाल
महिला द्वारा अपनी बच्ची पर पेट्रोल डालकर उसे आग लगाने की कोशिश पर प्रतिक्रिया देते हुए अनु दुबे ने कहा कि यह लोगों के अंदर सिस्टम को लेकर पनप रहा गुस्सा और अविश्वास है।
नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत के बाद दिल्ली के संसद पर अकेले धरना देकर महिलाओं की आवाज बनी अनु दुबे एक बार फिर चर्चा में हैं। पिछले शनिवार यानी 30 नवंबर को दिल्ली में पार्लियामेंट के बाहर प्रदर्शन करने वाली अनु दुबे उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की मौत के बाद शनिवार को कई घंटे तक सफदरजंग हॉस्पिटल पर भी डटी रहीं।
वहीं, अस्पताल के सामने एक महिला द्वारा अपनी बच्ची पर पेट्रोल डालकर उसे आग लगाने की कोशिश पर प्रतिक्रिया देते हुए अनु दुबे ने कहा कि यह लोगों के अंदर सिस्टम को लेकर पनप रहा गुस्सा और अविश्वास है।
अनु ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि पुलिस अपना काम ठीक से करे, सरकारें अगर अपना काम ठीक से करें तो समाज में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो सकेगी।
दैनिक जागरण से बातचीत में अनु ने कहा कि वह हैदराबाद की बेटी के लिए न्याय मांगने संसद की चौखट पर पहुंची थी, लेकिन वहां पुलिस ने उन्हें प्रताड़ित किया।
उन्होंने कहा कि वह शुक्रवार को भी दिल्ली की महिला सांसदों से मिलने के लिए गई थी, लेकिन वहां उन्हें पुलिस ने घेर लिया। अनु ने सवालिया लहजे में कहा कि पुलिस तब कहां रहती है जब एक महिला के साथ अत्याचार होता है?
अनु दुबे ने कहा कि मेरी मां मुझे रोकती है कि मैं महिलाओं के लिए आवाज क्यों उठा रही हूं। दरअसल यह एक मां का डर है। मां को डर है कि दरिंदों के खिलाफ आवाज उठाने पर कहीं मेरे साथ अनहोनी ना हो जाए। मां को डर है कि अगर मेरे साथ कोई अनहोनी होती है तो मुझे बचाने कौन आएगा। यह देश की हर महिला के अंदर कानून के प्रति पनप रहा अविश्वास है।