Move to Jagran APP

नेशनल हेराल्ड केस : दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करेगी कांग्रेस पार्टी

न्यायमूर्ति सुनील गौर ने कहा कि एजेएल को यंग इंडिया ने हाईजैक किया और इसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सांसद सोनिया गांधी सबसे बड़े भागीदार हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 22 Dec 2018 10:13 AM (IST)Updated: Sat, 22 Dec 2018 03:04 PM (IST)
नेशनल हेराल्ड केस : दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करेगी कांग्रेस पार्टी
नेशनल हेराल्ड केस : दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करेगी कांग्रेस पार्टी

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड के दिल्ली स्थित दफ्तर को खाली करने के केंद्र के आदेश को चुनौती देने वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की याचिका खारिज कर दी है। इसी के साथ ही हाई कोर्ट ने दो सप्ताह में हेरल्ड हाउस खाली करने का आदेश दिया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी हाई कोर्ट के इस आदेश को डबल बेंच में चुनातौ देगी। एजेएल पर आरोप था कि पिछले 10 साल से इमारत में नेशनल हेराल्ड अखबार के प्रकाशन का काम नहीं हो रहा था। यूं भी एजेएल के लिए हाई कोर्ट की डबल बेंच और सुप्रीम कोर्ट में अपील का विकल्प है।

loksabha election banner

गौरतलब है कि दिल्‍ली स्थित नेशनल हेराल्ड हाउस को खाली कराने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया था। जस्टिस सुनील गौर की पीठ ने अपने फैसले में दो सप्ताह का समय देते हुए नेशनल हेराल्ड हाउस को खाली करने के लिए कहा है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को नेशनल हेराल्ड हाउस की इमारत खाली करने के साथ ही अपने 17 पेज के आदेश में तल्ख टिप्पणी की। हाई कोर्ट ने कहा कि यंग इंडिया ने एजेएल को हाईजैक कर लिया था। एजेएल ने अपनी याचिका में कहा था कि इमारत खाली करने का सरकार का आदेश विवादास्पद उदेश्य, बदनीयत और पूर्वाग्रह से ग्रस्त था। इससे जवाहरलाल नेहरू की विरासत को बदनाम करने की कोशिश की गई है।

इस पर न्यायमूर्ति सुनील गौर ने कहा कि यह कोई समझ नहीं पा रहा है कि कैसे पंडित नेहरू की विरासत को नष्ट या बदनाम किया गया है? बदनीयत का आरोप अपमानजनक है और इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देनी की कोई जरूरत नहीं है।

अदालत ने कहा कि हम मानते हैं कि यंग इंडिया एक चैरीटेबल कंपनी है, लेकिन एजेएल के 99 फीसद शेयर हासिल करने के लिए जो प्रक्रिया अपनाई गई, वह संदिग्ध है।

एजेएल को यंग इंडिया ने हाईजैक किया और इसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी सबसे बड़े भागीदार हैं। एजेएल को दो सप्ताह में इमारत खाली करनी होगी, नहीं तो अगली कार्रवाई की जाएगी। 

जमानत पर हैं सोनिया-राहुल

नेशनल हेराल्ड की खरीद-फरोख्त में धोखाधड़ी को लेकर भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने पटियाला हाउस कोर्ट में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी व कांग्रेस के कई नेताओं के खिलाफ मामला दायर किया है। मामले में सोनिया, राहुल व अन्य आरोपित जमानत पर हैं। 


बता दें कि केंद्र और भूमि एवं विकास कार्यालय (एलडीओ) ने कहा था कि 10 साल से परिसर में कोई प्रेस इकाई काम नहीं कर रही है और इसका पट्टा समझौते का उल्लंघन करके केवल वाणिज्यिक उद्देश्यों से इस्तेमाल किया जा रहा था। एजेएल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आरोपों को खारिज किया था।

न्यायमूर्ति सुनील गौर ने 56 साल पुराना पट्टा समाप्त करने के केंद्र के 30 अक्टूबर के आदेश को चुनौती देने वाली अपील खारिज करते हुए फैसला सुनाया कि एजेएल दो सप्ताह में आइटीओ स्थित परिसर को खाली करे। उसके बाद अनधिकृत कब्जाधारियों को बेदखल करने की प्रक्रिया शुरू होगी। वहीं, एजेएल ने कहा था कि 2016 में वेब संस्करण शुरू किया गया था। अप्रैल 2018 तक सरकार शांत रही और फिर निरीक्षण के लिए नोटिस भेजा। कई बड़े अखबार अन्य स्थानों पर प्रिंटिंग का काम करते हैं।

यह है मामला
एजेएल नेशनल हेराल्ड अखबार की मालिकाना कंपनी है। कांग्रेस ने 26 फरवरी 2011 को इसकी 90 करोड़ की देनदारी अपने जिम्मे ले ली थी। यानी कंपनी को 90 करोड़ का लोन दिया। इसके बाद पांच लाख में यंग इंडियन कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया व राहुल की हिस्सेदारी 38-38} व शेष कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा व ऑस्कर फर्नाडीज के पास है। बाद में एजेएल के 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर यंग इंडियन को दिए गए। बदले में यंग इंडियन को कांग्रेस का लोन चुकाना था। नौ करोड़ शेयर के साथ यंग इंडियन को कंपनी के 99} शेयर हासिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस ने 90 करोड़ का लोन माफ कर दिया। यानी यंग इंडियन को मुफ्त में एजेएल का स्वामित्व मिल गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.