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दिल्ली में गरीब छात्रों को मिलेगी 100 फीसद स्कॉलरशिप, पढ़ाई के लिए 10 लाख एजुकेशन लोन

AAP सरकार दिल्ली में गरीबी छात्रों को 100 फीसद स्कॉलरशिप देगी। इसके अलावा छात्रों की आगे की पढ़ाई के लिए 10 एजुकेशन लोन भी देने का वादा किया है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 23 Jun 2019 10:07 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jun 2019 10:07 AM (IST)
दिल्ली में गरीब छात्रों को मिलेगी 100 फीसद स्कॉलरशिप, पढ़ाई के लिए 10 लाख एजुकेशन लोन
दिल्ली में गरीब छात्रों को मिलेगी 100 फीसद स्कॉलरशिप, पढ़ाई के लिए 10 लाख एजुकेशन लोन

नई दिल्ली, जेएनएन। सरकारी स्कूलों में 90 प्रतिशत और उससे अधिक नंबर लाने वाले छात्रों, उनके अध्यापकों, अभिभावकों और प्रिंसिपल को मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को त्यागराज स्टेडियम में सम्मानित किया। साथ ही उप मुख्यमंत्री ने छात्रों से संवाद कर उनसे शिक्षा में आए सुधार व उनकी परेशनियों के बारे में भी पूछा। उन्होंने सीबीएसई में लगने वाली रजिस्ट्रेशन फीस माफ करने के साथ ही कई बड़े वादे भी किए।

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उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री की तरफ से मुझे निर्देश है कि दिल्ली के किसी भी बच्चे में प्रतिभा है तो पैसे के वजह से उसकी पढ़ाई नहीं छूटनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि पढ़ाई के लिए 10 लाख के लोन तक की गारंटी सरकार की होगी। उन्होंने अब सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए भी छह लाख तक की आय वाले परिवार के बच्चों को शिक्षा में 25 प्रतिशत व 2.50 लाख की आय वालों को 50 प्रतिशत व एक लाख तक की आय वालों की शिक्षा में पूरी छूट देने का वादा किया।

एक छात्र ने उन्हें बताया कि जनरल को 1500 रुपये सीबीएसई रजिस्ट्रेशन फीस देनी पड़ती है, जबकि एससी और ओबीसी को केवल 50 रुपये देने होते हैं। इसके जवाब में मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज के बाद किसी को सीबीएसई के लिए पैसे देने की जरूरत नहीं है, सरकार सबकी फीस देगी। संजय कॉलोनी के भाटी माइंस में पढ़ने वाले छात्रों ने बताया कि उनके स्कूल में अभी तक टीन शेड लगा है, शिक्षा मंत्री ने कहा कि वहां पर कुछ विवाद है, जल्द ही उसमें भी सुधार किया जाएगा।

सभी को मिले अच्छी शिक्षा- केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए, चाहे वह गरीब के घर पैदा हो या अमीर के घर में। बोले, पिछले 70 साल में देश में एक ऐसा एजूकेशन सिस्टम बन गया कि गरीब का बच्चा सरकारी स्कूल में और अमीर का बच्चा निजी स्कूल में पढ़ने जाता है। इससे प्राइवेट स्कूलों की मनमानी बढ़ रही थी। जब हमारी सरकार बनी तो हम ये सपना लेकर आए थे कि हम सरकारी स्कूलों को इतना बेहतर कर देंगे कि लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल की बजाय सरकारी स्कूल में भेजेंगे।

उन्होंने कहा कि आज साढ़े चार साल बाद जब एक हजार से ज्यादा बच्चों के सरकारी स्कूलों में 90 प्रतिशत से ज्यादा नम्बर आए हैं। उन सभी बच्चों और अभिभावकों के सामने खड़े होने में मुझे गर्व और खुशी हो रही है।

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