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इमरान खान का मिला समर्थन लेकिन झप्‍पी पर कैबिनेट में घिरे सिद्धू, कैप्‍टन ने मांगा जवाब

पाकिस्‍तान के सेना प्रमुख को गले लगाने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कैबिनेट की बैठक में भी घिरे। सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने इस पर आपत्ति जताई।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 21 Aug 2018 08:23 PM (IST)Updated: Wed, 22 Aug 2018 08:40 AM (IST)
इमरान खान का मिला समर्थन लेकिन झप्‍पी पर कैबिनेट में घिरे सिद्धू, कैप्‍टन ने मांगा जवाब
इमरान खान का मिला समर्थन लेकिन झप्‍पी पर कैबिनेट में घिरे सिद्धू, कैप्‍टन ने मांगा जवाब

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा पाकिस्तानी आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा को गले लगाने के मामले की आग आज पंजाब कैबिनेट तक पहुंच गई। इस मामले पर पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा पक्ष में उतरने और सिद्धू के सफाई देने के बावजूद मामला खत्‍म होता नहीं दिख रहा है। मंगलवार शाम यहां हुई पंजाब कैबिनेट की बैठक में भी यह प्रकरण उठा और खुद मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने पाक आर्मी चीफ से गले मिलने पर एतराज जताया व सिद्धू से जवाब मांगा।

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पाक अार्मी चीफ को झप्‍पी देने पर पंजाब कैबिनेट की बैठक में सिद्धू ने अमरिंदर सिह ने मांगे जवाब

सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूरे मामले में सिद्धू से कहा कि दोस्‍त के शपथ ग्रहण जाने में कोई दिक्‍कत की बात नहीं है, लेकिन आपका वहां पाकिस्‍तान के सेना प्रमुख से गले मिलना बिल्‍कुल गलत था। इसके जवाब में सिद्धू ने कहा कि पाक सेना प्रमुख बाजवा मेरे पास आए तो उन्होंने मुझसे श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव पर करतारपुर के रास्ते को खोलने की बात की। बाजवा ने कहा कि पाकिस्तान इस बात पर विचार कर रहा है कि आपकी सबसे बड़ी मांग को पूरा कर दिया जाए। ऐसे मौके पर किसी भी सिख द्वारा उत्साहित होना लाजमी है और इसी में मैं उनसे गले मिला।

बाद में यह मामला गंभीर रूप से चर्चा का विषय नहीं बना। इसी दौरान कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने भी इस बहस में शामिल होते हुए कहा कि पंजाब सरकार को करतारपुर गुरुद्वारा साहिब जाने वाले रास्ते को खोलने के लिए पाकिस्तान सरकार से बातचीत की पहल करनी चाहिए। इसके लिए केंद्र सरकार से भी बात की जानी चाहिए।

पंजाब कैबिनेट की बैठक का दृश्‍य।

काबिले गौर है कि कांग्रेस  के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ पूरी तरह से सिद्धूृ के साथ खड़े हैं अौर पाक आर्मी चीफ सेगले मिलने के मुद्दे पर उनका बचाव कर रहे हैं। लेकिन, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस पर ऐतराज जताते हुए कहा था कि जब पाकिस्तान की आर्मी हमारे जवानों पर गोलियां चला रही हो, ऐसे में उनके आर्मी चीफ से गले मिलना सही नहीं हो सकता। पहले भी कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने इसकी आलोचना की थी।

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बता दें कि पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने पाकिस्‍तान सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को झप्‍पी देने केा गलत बताया था। अमरिंदर ने कहा था किसिद्धू को ऐसा कतई नहीं करना चाहिए था। कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में सिद्धू उनके मित्र होने के नाते गए थे और इसमें कोई गलत नहीं है। लेकिन, वहां पाकिस्‍तान के आर्मी चीफ से गले मिलना किसी भी तरीके से सही नहीं है।

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बता दें कि दो दिन पहले कैप्‍टन ने कहा था, ' सिद्धू का वहां के प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण जाने का सवाल है तो वह इनके (सिद्धू) मित्र हैं और इसमें मैं गलत नहीं मानता। वह वहां गए तो गए। जहां तक गुलाम कश्मीर के कथिेत राष्‍ट्रपति के साथ बैठने का सवाल है तो हो सकता है वह (सिद्धू) नहीं पहचानते होंगे। लेकिन मैं जो बात गलत समझता हूं वह है वहां के आर्मी चीफ जनरल बाजवा को झप्‍पी देना। हमारे जवान रोज शहीद होते हैं और मैं जिस रेजीमेंट के एक मेजर व दो जवान पाकिस्‍तानी सेना की गोलीबारी में शहीद हुए थे।'

कैपटन अमरिदर सिंह ने कहा था, 'इसका आदेश को कौन देता है, वहां का आर्मी चीफ। ऐसे में इस व्‍यक्ति (सिद्धू) काे समझना चाहिए कि पाक आर्मी चीफ के प्रति इस तरह का लगाव नहीं दिखाया जा सकता। गुलाम कश्‍मीर के राष्‍ट्रपति को नहीं पहचान सके होंगे, लेकिन बाजवा के बैच पर तो उनका नाम लिखा होगा।' पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर विपक्ष ने सिद्धू काे कैबिनेट से हटाने की मांग की है तो कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि इसका तो कोई सवाल नहीं उठता है, लेकिन सिद्धू ने जो किया वह गलत था।'

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उधर, चौतरफा हो रही आलोचना का जवाब देने के लिए मंगलवार को खुद नवजोत सिंह सिद्धू सामने आए। उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा एतराज जाने के बारे में कहा कि कैप्टन ने उनकी आलोचना की है, इसका मतलब यह नहीं कि मैं भी उनकी आलोचना करूं। लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है। जब उनसे पूछा गया कि आप कह रहे हैं कि आम अपने दोस्त के बुलावे पर गए तो किस हैसियत से पाकिस्तान सरकार से इस मुद्दे पर बात कर रहे थे।

इमरान ने टवीट कर किया सिद्धू का समर्थन

उधर, पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने ट्वीट कर सिद्धू का समर्थन किया। उन्‍होंने अपने शपथ ग्रहण समारोह में आने के लिए सिद्धू का आभार जताया और उन्हें शांति का दूत बताया। उन्होंने कहा कि भारत में जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं वे शांति प्रक्रिया को नुकसान पहुंचा रहे हैँ। शांति के बगैर लोग प्रोग्रेस नहीं कर सकते।

इमरान खान का नवजोत सिंह सिद्धू के समर्थन मेें ट्वीट।

इमरान ने ट्वीट किया, 'मैं सिद्धू का मेरे शपथग्रहण समारोह में पाकिस्तान आने के लिए शुक्रिया अदा करता हूं। वह शांति के दूत हैं और उन्हें पाकिस्तान के लोगों ने बहुत सारा प्यार दिया। जो लोग उन्हें निशाना बना रहे हैं वे उपमहाद्वीप में शांति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। शांति के बिना हमारे लोग विकास नहीं कर सकते।'

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 भाजपा प्रवक्‍ता संबित पात्रा ने सिद्धू पर साधा निशाना, कहा- भारतीयों को छोटे दिल का बता रहे नवजोत

पत्रकारों से बातचीत करते भाजपा के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता संबित पात्रा।

दूसरी आेर, नई दिल्‍ली में भाजपा के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता संबित पात्रा ने कहा कि यह दुख की बात है कि पाकिस्‍तान यात्रा पर जाने वाले  नवजोत सिद्धू ने भारत के पक्ष को नकारने की कोशिश की है। इस क्रम में उन्‍हाेंने यह कहने की कोशिश की है कि भारतीयों के छोटे दिल हैं। हम इसकी निंदा करते हैं। हम इस पर सिद्धू से नहीं बल्कि कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी  से जवाब चाहते हैं। संबित पात्रा ने कहा, नवजोत सिंह सिद्धू कह रहे हैं कि वह शांति और दोस्‍ती के लिए पाकिस्‍तान गए थे। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी देश में समानांतर सरकार चलाने की कोशिश कर रहे हैं?

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