यूपी में सीएए के खिलाफ हिंसा पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने डीजीपी को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
CAA protest in UP उत्तर प्रदेश में सीएए के विरोध में हुई हिंस पर एनएचआरसी ने डीजीपी ओपी सिंह को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब तलब किया है।
लखनऊ, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर उत्तर प्रदेश में हुए प्रदर्शनों और हिंसा के दौरान मानवाधिकारों के हनन को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) सख्त हो गया है। एनएचआरसी ने डीजीपी ओपी सिंह को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। आयोग ने डीजीपी से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
एनएचआरसी ने रवि नितेश समेत अन्य लोगों की शिकायतों का संज्ञान लेने हुए नोटिस जारी किया है, जिसमें हिंसा के दौरान हुई मौतों, इंटरनेट सेवाओं को बाधित किए जाने और पुलिसकर्मियों के लोक व निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाने जैसे बिंदुओं पर जवाब मांगा गया है। बताया गया कि आयोग को की गई शिकायतों में पूरे प्रदेश में एक साथ धारा 144 लागू कर लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोकने, इंटरनेट सेवाएं बाधित किए जाने से हुई दिक्कतों, पुलिसकर्मियों के तोड़फोड़ करने पर कोई कार्रवाई न किए जाने व कई बेकसूरों को उपद्रव के मामले में पकड़े जाने के आरोप लगाए गए हैं।
हिंसा में अब तक 925 से अधिक गिरफ्तार
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हिंसात्मक प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के कदम तेजी से बढ़ा रही है। सभी संवेदनशील जिलों में पुलिस अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है। डीजीपी ओपी सिंह का दावा है कि शनिवार शाम के बाद से सभी जिलों में स्थिति नियंत्रण में है और कहीं कोई हिंसक प्रदर्शन नहीं हुआ है। सोशल मीडिया पर निगरानी और बढ़ा दी गई है। 10 दिसंबर से अब तक पुलिस ने 925 से अधिक आरोपितों को गिरफ्तार किया है। विभिन्न जिलों में 213 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनके तहत आरोपितों को चिह्नित कर विधिक कार्रवाई सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस वीडियो फुटेज व फोटो के जरिए लगातार आरोपितों को चिह्नित करने का काम कर रही है। पुलिस ने गिरफ्तारी के अलावा 5558 आरोपितों को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई भी की है। इसके साथ ही पुलिस ने सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर अब तक आपत्तिजनक/भ्रामक पोस्टों व वीडियो के खिलाफ 81 मुकदमे दर्ज कराकर 120 आरोपितों को गिरफ्तार किया है।