बिहार विधानसभा में मारपीट पर उतरे विधायक, तेजस्वी के NRC को काला कानून कहने पर हंगामा
बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन एनआरसी के मुद्दे पर सत्ता पक्ष व विपक्ष के कुछ विधायक भिड़ गए। हाल के दिनों में विधानसभा में ऐसा दृश्य नहीं दिखा था।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार विधानसभा के बजट सत्र (Budget Session of Bihar Assembly) के दूसरे दिन मंगलवार को राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (NPR) के मसलों पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) व भाकपा (माले) का कार्यस्थगन प्रस्ताव मंजूर होने के बाद इस पर हुई विशेष चर्चा के दौरान विधायक (MLAs) आपस में भिड़ गए। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के तीन मंत्रियों ने पार्टी के विधायकों के साथ मोर्चा संभाल लिया। संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार, ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार और राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी ने बीच-बचाव कर स्थिति को नियंत्रित किया। हाल के दिनों में विधानसभा में इस तरह का दृश्य नहीं दिखा था।
एनआरसी-एनपीआर को ले माहौल बनाने में जुटा था विपक्ष
सदन (House) की कार्यवाही आरंभ होने के पहले से एनआरसी और एनपीआर को लेकर माहौल बनाने में विपक्ष जुटा था। पहले विधानमंडल परिसर में नारेबाजी की और जब सदन की कार्यवाही आरंभ हुई तो नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) इस मसले पर उठ खड़े हुए। उन्हें रोका गया पर वे बोलते रहे। भाकपा (माले) के महबूब आलम भी खड़े हो गए। आखिरकार विधानसभा अध्यक्ष (Speaker) ने कार्यस्थगन प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की और कहा कि दो घंटे की चर्चा होगी और इसी अवधि में सरकार का जवाब भी आएगा।
सदन में आ गई मारपीट की नौबत, स्थगित की गई कार्रवाई
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एनआरसी को काला कानून (Black law) कह दिया। श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा व कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार ने इसका कड़ा प्रतिकार किया। बीजेपी के विधायक भी उठ खड़े हुए। आरजेडी के चंद्रशेखर आक्रामक होते हुए आगे बढ़े। पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव भी उग्र हो गए। पूरा सदन अस्त-व्यस्त हो गया।
कई मंत्रियों-विधायकों ने बीच-बचाव कर स्थिति संभाली
कई मंत्रियों और विधायकों ने बीच-बचाव कर स्थिति संभाली। विधानसभा अध्यक्ष ने तुरंत सदन की कार्यवाही 15 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी। उस वक्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Dy. CM Sushil Kumar Modi) सदन में मौजूद नहीं थे।