विधायक को नहीं मिली तवज्जों तो पत्र में लिखा, सरकार-जिंदा हूं पर बहुत शर्मिंदा हूं
सरकार, कहने को तो मैं आपके सहयोगी दल का विधायक हूं, मगर सुरक्षाकर्मी मुझे कोई तवज्जो नहीं देते।
जेपी पांडेय, वाराणसी। "सरकार, कहने को तो मैं आपके सहयोगी दल का विधायक हूं, मगर सुरक्षाकर्मी मुझे कोई तवज्जो नहीं देते। सामान्य लोगों की तरह मुझे प्रवेश द्वार पर रोक देते हैं। कहने पर भी जिला प्रशासन मेरी बातों को गंभीरता से नहीं लेता। सरकार जिंदा हूं, लेकिन ऐसी स्थितियों से बहुत शर्मिंदा हूं।"
ये पीड़ा है प्रदेश सरकार की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ( सुभासपा) के अजगरा विस क्षेत्र से विधायक कैलाश सोनकर की। प्रोटोकाल के तहत तवज्जो न मिलने पर उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दर्द बयां किया है। शासन ने जिलाधिकारी से मामले में रिपोर्ट मांगी है। डीएम ने एडीएम सिटी को मामले की जांच करने का निर्देश दिया है।
विधायक कैलाश सोनकर ने इस साल 20 जनवरी को सीएम को पत्र लिखकर कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस से आपको काफी लगाव है। आपका यहां आना लगा रहता है। इस दौरान एयरपोर्ट समेत अन्य स्थानों पर आपसे मिलने नहीं दिया जाता। सभी जगह सुरक्षाकर्मी मुझे रोक देते हैं। जबकि सहयोगी दल होने के नाते प्रोटोकाल के तहत जिला प्रशासन को आपसे मिलने वालों की सूची में मुझे भी शामिल करना चाहिए लेकिन, ऐसा नहीं हो रहा है। ऐसे में अनुरोध है कि एयरपोर्ट पर आपका स्वागत करने वालों की सूची में मेरा नाम भी शामिल किया जाए।
पत्र में विधायक ने कहा है कि उन्हें अन्य स्थानों पर भी कार्यक्रमों में रोक दिया जाता है। पत्र को गंभीरता से लेते हुए 27 फरवरी को ही मुख्यमंत्री के विशेष कार्यकारी अधिकारी अभिषेक कौशिक ने डीएम योगेश्वर राम मिश्र से मामले की जांच व आवश्यक कार्रवाई की अपेक्षा की थी।