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Bengal Assembly Elections: तृणमूल में आइ-पैक की दखलंदाजी से पार्टी के कई वरिष्ठ नेता नाखुश

बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) को पार्टी की रणनीति बनाने की जिम्मेदारी दी है। प्रशांत किशोर की एजेंसी आइ-पैक पिछले कई महीनों से ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के लिए काम भी कर रही है

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 03 Nov 2020 09:59 AM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 10:06 AM (IST)
Bengal Assembly Elections: तृणमूल में आइ-पैक की दखलंदाजी से पार्टी के कई वरिष्ठ नेता नाखुश
तृणमूल कांग्रेस ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) को पार्टी की रणनीति बनाने की जिम्मेदारी दी है।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) को पार्टी की रणनीति बनाने की जिम्मेदारी दी है। प्रशांत किशोर की एजेंसी आइ-पैक पिछले कई महीनों से ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के लिए काम भी कर रही है, लेकिन इस बीच पार्टी के कई वरिष्ठ नेता पीके की एजेंसी का दखल पचा नहीं पा रहे हैं। बैरकपुर विधानसभा से तृणमूल कांग्रेस विधायक ने प्रशांत किशोर की एजेंसी के खिलाफ हमला बोलते हुए ऐलान किया कि वे आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।

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बंगाल की बैरकपुर विधानसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस के विधायक सिलभद्र दत्ता ने कहा, ''एक बाहरी एजेंसी मुझे सिखा रही है कि राजनीति कैसे करूं। मैं जब कक्षा 6वीं में था, तब राजनीति में आया था। अभी मैं 62 साल का हूं, लेकिन दुर्भाग्य से, मुझे उस एजेंसी के एक कर्मचारी से यह सुनने को मिला कि मुझे वोटों के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि हमारे लिए चुनाव लड़ने के लिए एजेंसी को चुना गया है। वे मुझसे मेरी जाति के बारे में पूछ रहे हैं क्योंकि वे जाति-आधारित राजनीति का परिचय देना चाहते हैं।'' विधायक ने आगे कहा कि मैंने उन्हें बताया है कि यह उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार या फिर दिल्ली नहीं है।

तृणमूल कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ेगा

जहां दत्ता ने पीके की एजेंसी पर हमला बोलते हुए आइ-पैक का नाम नहीं लिया, तो वहीं, एक अन्य विधायक ने सीधे तौर पर आइ-पैक पर हमला बोलते हुए कहा था कि यह पार्टी के लिए ठीक नहीं है कि कोई एजेंसी यह निर्देश दे कि कैसे पार्टी को चलाया जाए। कूचबिहार साउथ से तृणमूल कांग्रेस के विधायक मिहिर गोस्वामी ने कहा, ''आइ-पैक, ठेका एजेंसी, अगर पार्टी को निर्देश देगी कि कैसे काम करें तो यह पार्टी के लिए अच्छा नहीं होगा। अगर कोई पार्टी चाहती है कि एजेंसी पार्टी को चलाए तो 100 फीसद पार्टी को नुकसान उठाना पड़ेगा। कार्यकर्ताओं को पार्टी से जुड़े कामों को संभालना चाहिए।''

आइ-पैक का संगठन में हस्तक्षेप पसंद नहीं

तृणमूल के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि राज्य सरकार के परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी को आइ-पैक का संगठन में हस्तक्षेप पसंद नहीं है। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि साल 1995 में मैं अविभाजित कांग्रेस का काउंसलर था। मैं कोई पैराशूट से नहीं कूदा हूं। ना ही मैं यहां तक पहुंचने के लिए लिफ्ट ली। मैंने सीढ़ी से कदम-दर-कदम आगे बढ़ा हूं। हमें कोई नहीं रोक पाएगा। 


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