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केंद्र के आर्थिक पैकेज को ममता ने फिर बताया जीरो, FRBM पर शर्ते मानने से इनकार

अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को एक बार फिर बड़ा जीरो बताया।

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 18 May 2020 09:05 PM (IST)Updated: Mon, 18 May 2020 09:05 PM (IST)
केंद्र के आर्थिक पैकेज को ममता ने फिर बताया जीरो, FRBM पर शर्ते मानने से इनकार
केंद्र के आर्थिक पैकेज को ममता ने फिर बताया जीरो, FRBM पर शर्ते मानने से इनकार

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को एक बार फिर बड़ा जीरो बताया। उन्होंने एफआरबीएम पर केंद्र की शर्तों को जनविरोधी बताते हुए इसे स्वीकार करने से भी इंकार कर दिया।

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राज्य सचिवालय नवान्न में पत्रकारों से बात करते हुए ममता ने कहा, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा है कि राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) उधार सीमा को 3 से बढ़ाकर 5 फीसद कर रहे हैं, जबकि सच्चाई ये है कि ये केवल 0.5 फीसद है। उन्होंने कहा कि अगर मैं संघीय प्रणाली के खिलाफ जाने वाली कुछ शर्तों से सहमत होती हूं तो मुझे 1.5 फीसद और भी मिल जाएगा, लेकिन मैं केंद्र की इस जनविरोधी शर्तों को स्वीकार नहीं कर सकती। उन्होंने जोर देकर कहा कि पूरा आर्थिक पैकेज एक बड़ा जीरो है।

ममता ने साफ कहा कि केंद्र की शर्ते मानना संघीय ढांचे के खिलाफ होगा और मैं जब तक हूं इस प्रकार के जनविरोधी फैसले की अनुमति नहीं दे सकती। मैं केंद्र के पास अपना अधिकार गिरवी भी नहीं रख सकती और इस मुद्दे पर सर नहीं झुकाएंगे चाहे इसकी कोई भी कीमत मुझे क्यों ना चुकानी पड़े। ममता ने इसके साथ केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पिछले 4 दिनों से खाली टीवी पर घोषणाएं सुन रही हूं, यह सब झूठा है। आर्थिक पैकेज के नाम पर देश के लोगों को गुमराह किया जा रहा है। 

राज्य सरकार की जानकारी के बगैर रेजीडेंट कमिश्नर को बैठक में बुलाने को लेकर बिफरी ममता

कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया कि राज्य सरकार की जानकारी के बगैर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व गृह सचिव ने चक्रवाती तूफान अम्फन के मुद्दे पर बंगाल के रेसिडेंशियल कमिश्नर के साथ बैठक की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रोटोकॉल के खिलाफ है। इसकी जानकारी मुख्य सचिव, गृह सचिव या उन्हें (मुख्यमंत्री को) होनी चाहिए। इसमें नियमों की अनदेखी की गयी है। ऐसा हो सकता है कि गृह मंत्री को गलत जानकारी दी गयी हो। ममता ने कहा कि राज्य को रेसिडेंशियल कमिश्नर नहीं बल्कि सरकार चलाती है।


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