डेढ़ वर्ष बाद ममता बनर्जी कल पीएम मोदी से करेंगी मुलाकात
Mamata Banerjee. ममता जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने एनआरसी चिंदबरम की गिरफ्तारी समेत कई मुद्दों को लेकर केंद्र पर हमलावर हैं।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। 2014 से लगातार केंद्र सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ मुख्यमंत्री व तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी मोर्चा खोले हुए हैं। विरोध का आलम यह है कि लोकसभा चुनाव के दौरान ममता ने नरेंद्र मोदी को पीएम मानने से ही इन्कार कर दिया था। दूसरी बार जब पीएम पद की मोदी ने शपथ ली तो उस समारोह में भी शामिल नहीं हुई है। पीएम की अध्यक्षता में नीति आयोग ने देशभर के सीएम की बैठक बुलाई तो उसमें भी नहीं गई। पिछले डेढ़ वर्षों में ममता ने एक बार भी पीएम मोदी से नहीं मिली हैं। परंतु, सोमवार को अचानक खबर आई है कि ममता मंगलवार शाम दिल्ली जा रही हैं और इसके अगले दिन बुधवार की शाम 4.30 बजे पीएम से मुलाकात करेंगी।
पीएमओ से मुलाकात की दे दी गई है सहमति
राज्य सचिवालय सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से मुख्यमंत्री कार्यालय को इस बाबत सहमति पत्र दे दी गई है। परंतु, अचानक ममता के दिल्ली दौरे को लेकर विपक्षी दल खासकर माकपा जरूर सवाल उठाएंगी। क्योंकि, इससे पहले जब भी ममता व मोदी की मुलाकात हुई बंगाल के माकपा नेताओं ने जमकर हमला बोला है।
राजीव कुमार पर सीबीआइ के कसते शिकंजे के बीच होगी मुलाकात
यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है, जब सारधा चिटफंड कांड में सीबीआइ का शिकंजा ममता के करीबी आइपीएस अफसर व एडीजी सीआइडी राजीव कुमार पर कस चुका है। सीबीआइ राजीव कुमार को गिरफ्तार करने के लिए लगातार तलाश में जुटी है। रविवार के बाद सोमवार भी सीबीआइ के अधिकारी राज्य सचिवालय पहुंच कर मुख्य सचिव, गृह सचिव व डीजीपी को कुमार के पेश नहीं होने के लेकर पत्र सौंपा है। यह राजीव कुमार वही अफसर है, जिसके खिलाफ सीबीआइ कार्रवाई को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए ममता ने धरने पर बैठ गई थीं। हालांकि खबर में यह कहा गया है कि ममता बनर्जी मुलाकात के दौरान पीएम के समक्ष राज्य की समस्याओं समेत कई मांग रखेंगी।
विपक्षी दलों के नेताओं से भी मुलाकात की है योजना
मुख्यमंत्री ममता दिल्ली दौरे के दौरान भाजपा विरोधी नेताओं से भी मुलाकात कर सकती हैं। ममता की योजना केंद्र के खिलाफ अपनी लड़ाई में विपक्षी नेताओं को लामबंद करने की है। वे अपना दिल्ली दौरा समाप्त कर 20 सितंबर को कोलकाता लौट सकती हैं।
गौरतलब है कि ममता जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने, एनआरसी, चिंदबरम की गिरफ्तारी समेत कई मुद्दों को लेकर केंद्र पर हमलावर हैं। रविवार को अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पर ममता ने देश में 'सुपर इमरजेंसी' का आरोप लगाया था। ममता ने लोगों से अपील की कि सबको यह प्रयास करना चाहिए कि संविधान द्वारा मिले अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करें। ममता कई बार मोदी सरकार पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगा चुकी हैं।