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Maharasthra politics: ट्राइडेंट होटल में मिले दो 'पवार' और बदल गया सीन, जानिये पूरी कहानी

महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व वाली चार दिन पुरानी भाजपा सरकार का भविष्य मंगलवार को यहां के ट्राइडेंट होटल में हुई एक मुलाकात में तय हो गया

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 26 Nov 2019 10:45 PM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 07:04 AM (IST)
Maharasthra politics: ट्राइडेंट होटल में मिले दो 'पवार' और बदल गया सीन, जानिये पूरी कहानी
Maharasthra politics: ट्राइडेंट होटल में मिले दो 'पवार' और बदल गया सीन, जानिये पूरी कहानी

मुंबई, आइएएनएस। महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व वाली चार दिन पुरानी भाजपा सरकार का भविष्य मंगलवार को यहां के ट्राइडेंट होटल में हुई एक मुलाकात में तय हो गया। सुबह यह मुलाकात एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार के बीच हुई। इसी मुलाकात के कुछ ही देर बाद अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने का फैसला कर लिया। फिर कुछ वक्त बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने भी अपने त्यागपत्र का एलान कर दिया। ट्राइडेंट वही होटल है, जो ग्यारह साल पहले आतंकी हमले का निशाना बना था।

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अजीत को दिया गया भरोसा 

सूत्रों का कहना है कि मंगलवार की सुबह अजित पवार बतौर उपमुख्यमंत्री अपनी कार से 26-11 हमले की एक स्मृति सभा में श्रद्धांजलि देने जा रहे थे, लेकिन बीच रास्ते में अचानक उन्होंने अपनी कार ट्राइडेंट के लिए मोड़ ली। इसी होटल में सीनियर और जूनियर पवार की बैठक में राकांपा सांसद सुप्रिया सुले, राकांपा विधायक दल के नेता जयंत पाटिल और प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद थे। राकांपा के सभी वरिष्ठ नेताओं ने अजीत को इस बात का भरोसा दिलाया कि अगर वह भाजपा का साथ छोड़कर पार्टी में वापस आते हैं तो उन्हें पहले की तरह ही प्रतिष्ठा मिलेगी। समझा जाता है कि शरद पवार ने अपने भतीजे अजित से कहा कि वह या तो अपने पद से इस्तीफा दे दें या फिर बुधवार को होने वाले शक्ति परीक्षण से किनारा कर लें।

कई कोशिशें हो गईं थी नाकाम 

सूत्रों का यह भी कहना है कि सीनियर पवार ने अपने भतीजे को मनाने के लिए पिछले तीन दिनों में कम से कम पांच दफा अपने दूत भेजे। वह अच्छी तरह से जानते थे कि उनके दबाव के आगे अजीत पवार झुक जाएंगे। शनिवार को जिस दिन फडणवीस और अजीत ने शपथ ली थी, शरद पवार ने सबसे पहले हसन मुशरिफ को भतीजे से मिलने के लिए भेजा था। फिर बैठक के लिए जयंत पाटिल और सुनील तटकरे को भेजा गया।

रविवार और सोमवार को भी शरद पवार ने अजीत से मुलाकात के लिए छगन भुजबल और जयंत पाटिल को भेजा और उनसे अपना फैसला बदलने को कहा, लेकिन शरद पवार के करीबी प्रफुल्ल पटेल को ही आखिर में अजीत पवार को अपने फैसले से डिगाने में सफलता हासिल हुई। वह उन्हें इस्तीफा देने के लिए मनाने में कामयाब रहे।


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