देवेंद्र फड़नवीस ने किया दावा, शरद पवार ने की थी भाजपा के साथ सरकार बनाने की पेशकश
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने दावा किया है कि पिछले विधानसभा चुनाव के बाद स्वयं शरद पवार ने भी भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने की पेशकश की थी।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने दावा किया है कि पिछले विधानसभा चुनाव के बाद स्वयं शरद पवार ने भी भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने की पेशकश की थी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार ज्यादा दिन नहीं चलेगी। महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस मंगलवार को पुणे एवं पिंपरी-चिंचवण में कोविड-19 के हालात का जायजा लेने गए थे।
राकांपा का प्रस्ताव आने के बाद दो बैठकें भी हुईं
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को यह अहसास हो गया कि शिवसेना अपनी पुरानी साथी भाजपा के साथ मिलकर सरकार नहीं बनाने वाली है तो भाजपा के साथ सरकार बनाने का प्रस्ताव भेजा था। यह प्रस्ताव सिर्फ अजीत पवार की ओर से नहीं, बल्कि इसके मुखिया की ओर से था। पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल पर करीब सात महीने पुराने घटनाक्रम को याद करते हुए फड़नवीस ने बताया कि राकांपा का प्रस्ताव आने के बाद दो बैठकें भी हुईं। एक बैठक में वह शामिल थे दूसरी में नहीं, लेकिन इसके बाद अचानक राकांपा प्रमुख ने अपनी भूमिका बदल ली। दो-तीन दिन कोई बात न होने के बाद एक दिन अजीत पवार का प्रस्ताव आया कि तीन दलों (कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना) की सरकार बनाना उन्हें मंजूर नहीं है। भाजपा और राकांपा मिलकर राज्य को स्थिर सरकार दे सकते हैं।
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अजित पवार ने दो दिन में दे दिया था इस्तीफा
पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट का निर्णय यदि उनके खिलाफ नहीं आया होता तो निश्चित रूप से अजीत पवार के साथ बनी सरकार टिकाऊ होती। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद 38 दिनों तक चली राजनीतिक उठापटक के बाद 28 नवंबर को 56 सीटें पाने वाली शिवसेना ने 54 सीटों वाली राकांपा एवं 42 सीटों वाली कांग्रेस के साथ सरकार बना ली और 105 सीटों वाली भाजपा को सत्ता से बेदखल होना पड़ा था। उससे पहले राकांपा नेता अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के साथ शपथ ली थी, लेकिन दो दिन के अंदर ही वह त्यागपत्र देकर फिर से शिवसेना के नेतृत्व में बनी महाविकास अघाड़ी सरकार में शामिल हो गए थे।
दो साल पहले भी राकांपा ने भाजपा के साथ सरकार बनाने की जताई थी इच्छा
उन्होंने कहा कि करीब दो साल पहले भी राकांपा ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने की इच्छा जताई थी। इस पर चर्चा भी हुई थी, लेकिन भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने शिवसेना का साथ छोड़ना उचित नहीं समझा था। शीर्ष नेतृत्व का कहना था कि हम राकांपा को साथ ले सकते हैं, लेकिन शिवसेना को भी अपने साथ रखना होगा। 2014 में शुरू में राकांपा के बाहरी सहयोग से भाजपा की सरकार बनी थी और शिवसेना कुछ दिनों बाद सरकार में शामिल हुई थी।