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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र भाजपा का एक धड़ा अब भी शिवसेना के साथ जाने को आतुर, प्रदेश अध्‍यक्ष ने दिया ये बयान

प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने अपने एक बयान में कहा है कि राज्य के हित के लिए वह अब भी शिवसेना के साथ जाने को तैयार हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 09:07 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2020 01:59 AM (IST)
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र भाजपा का एक धड़ा अब भी शिवसेना के साथ जाने को आतुर, प्रदेश अध्‍यक्ष ने दिया ये बयान
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र भाजपा का एक धड़ा अब भी शिवसेना के साथ जाने को आतुर, प्रदेश अध्‍यक्ष ने दिया ये बयान

राज्य ब्यूरो, मुंबई। एक दिन पहले ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा महाराष्ट्र में अगला चुनाव अकेले लड़ने का आह्वान करने के बावजूद पार्टी की राज्य इकाई का एक धड़ा शिवसेना के साथ सरकार बनाने को उत्सुक दिखाई दे रहा है। शिवसेना के साथ सरकार बनाने की बात प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल की ओर से ही उठाई गई है। पाटिल ने अपने एक बयान में कहा है कि राज्य के हित के लिए वह अब भी शिवसेना के साथ जाने को तैयार हैं। उनके अनुसार यदि केंद्रीय नेतृत्व कोई फार्मूला तैयार करता है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे उससे सहमत होते हैं, तो भाजपा-शिवसेना साथ आ सकते हैं। हमें तो केंद्र के आदेश का पालन करना है। 

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बाद में पाटिल ने कहा, हम अपनी तरफ से इसके लिए कोई प्रयत्न नहीं करेंगे

पाटिल का यह बयान जब चर्चा का विषय बनने लगा और भाजपा के बैकफुट पर जाने की बात की जाने लगी, तो पाटिल ने तुरंत अपना स्पष्टीकरण भी दे डाला। उन्होंने कहा कि शिवसेना को अपनी गलती का अहसास होगा तो वह हमारे साथ आएगी। हम अपनी तरफ से इसके लिए कोई प्रयत्न नहीं करेंगे। इस संबंध में पूछे जाने पर नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि चंद्रकांत पाटिल ने अपनी बात एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कही थी। न तो शिवसेना की तरफ से ऐसा कोई प्रस्ताव आया है, न हमने उन्हें कोई प्रस्ताव दिया है।

सुधीर मुनगंटीवार कई बार कर चुके हैं बात 

बता दें कि कुछ माह पहले भी प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार की तरफ से कई बार शिवसेना के साथ सरकार बनाने की बात उठाई जा चुकी है। लेकिन, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को ही प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए अगला चुनाव अकेले लड़ने की तैयारी करने को कहा है। उन्होंने खुलकर उद्धव सरकार की आलोचना भी की है। 

सरकार बनाने को लेकर भाजपा में बेचैनी 

बता दें कि शिवसेना और भाजपा लंबे समय तक महाराष्ट्र में गठबंधन कर लोकसभा एवं विधानसभा का चुनाव लड़ती रही हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में दोनों दल गठबंधन तोड़कर अलग-अलग तो लड़े, लेकिन चुनाव के कुछ दिनों बाद फिर साथ आ गए थे। पिछला विधानसभा चुनाव दोनों दलों ने गठबंधन करके लड़ा। लेकिन, चुनाव के बाद शिवसेना ने भाजपा का साथ छोड़ कांग्रेस एवं राकांपा के साथ जाकर सरकार बना ली। अब भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा बार-बार शिवसेना के साथ जाने की बात कहे जाने पर यह संकेत मिलता है कि प्रदेश में सर्वाधिक 105 सीटें पानेवाली भाजपा में बेचैनी सिर उठाने लगी है।


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