Maharashtra Political Crisis: 'मैं लौटकर जरूर आऊंगा', 31 महीने और एक सप्ताह बाद वापस आ रहे फडणवीस, सच हो रहा शायराना अंदाज?
Maharashtra Political Crisis महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पुरानी शायरी वायरल हो रही है। नवंबर 2019 में विधानसभा में समर्थन न होने के चलते इस्तीफा दे दिया था लेकिन उन्होंने जाते-जाते शायरी जरूर सुनाई थी। महाराष्ट्र के सियासी संकट को देखते हुए वह सच जैसी लग रही है।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadanvis) एक बार फिर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद संभाल सकते हैं। संभावना जताई जा रही है कि वो एक जुलाई को शपथ लेंगे। एक सप्ताह तक मचे महाराष्ट्र में सियासी संकट (Mahrashtra Political Crisis) के बाद शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने मुख्यमंत्री के पद से बुधवार शाम को इस्तीफा दे दिया।
महाराष्ट्र में 2019 में विधानसभा चुनाव के बाद उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ सरकार बनाई थी, लेकिन पर्याप्त विधायकों का समर्थन हासिल न होने से सरकार नहीं बन पाई थी। अगर देवेंद्र फडणवीस एक जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते हैं तो वो 949 दिन बाद फिर से सीएम बनेंगे।
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देवेंद्र फडणवीस ने 26 नवंबर 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन इस्तीफा देने से पहले उन्होंने विधानसभा चुनाव में जनादेश का आग्रह करते हुए सदन में कहा था-
मेरा पानी उतरते देख,
मेरे किनारे पर घर मत बना लेना
मैं समन्दर हूं,
लौट कर जरूर आऊंगा।
अब महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की सरकार गिरने के बाद देवेंद्र फडणवीस की पुरानी शायरी सच होती दिखाई दे रही है। 23 नवंबर को देवेंद्र फडणवीस ने राकांपा के साथ मिलकर रातोंरात सरकार बना ली थी। फडणवीस ने मुख्यमंत्री की और राकांपा नेता अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
लेकिन कुछ दूसरे दिन अजीत पवास ने उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और समर्थन वापस ले लिया था। इसके बाद सरकार बनाने के लिए भाजपा के पास कुल विधायकों का समर्थन नहीं था। इसके बाद उन्होंने भी 26 नवंबर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उस दौरान वह कुल तीन दिन तक मुख्यमंत्री रहे थे।
इसके बाद शिवसेना, एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बना ली थी, और उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे और करीब दो तिहाई विधायकों के साथ असम के गुवाहटी चले गए। तभी से महाराष्ट्र सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे थे।
इस दौरान देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से राजभवन में मिले थे और महा विकास अघाड़ी सरकार के खिलाफ फ्लोर टेस्ट की मांग की थी। जिसमें उन्होंने बताया कि शिवसेना के दो तिहाई विधायक मौजूदा सरकार के साथ नहीं रहना चाहते हैं। राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट कराने का निर्णय लिया।
वहीं, शिवसेना राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई और सुप्रीम कोर्ट ने भी 30 जून को फ्लोर टेस्ट कराने का निर्णय दिया। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट होने से पहले ही बुधवार, 29 जून 2022 को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इस तरह वो कुल 943 दिन ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे।