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जानबूझकर कम टेस्ट कर रही महाराष्ट्र सरकार : देवेंद्र फड़नवीस

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि राज्य में प्रतिदिन 38000 कोरोना मामलों की टेस्टिंग की क्षमता है। लेकिन राज्य सरकार सिर्फ 14000 टेस्ट कर रही है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 13 Jun 2020 11:25 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jun 2020 11:25 PM (IST)
जानबूझकर कम टेस्ट कर रही महाराष्ट्र सरकार : देवेंद्र फड़नवीस
जानबूझकर कम टेस्ट कर रही महाराष्ट्र सरकार : देवेंद्र फड़नवीस

मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र सरकार जानबूझकर क्षमता से कम कोरोना की टेस्टिंग कर रही है, ताकि राज्य में कोरोना पॉजिटिव के मामले कम सामने आएं। यह आरोप महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने उद्धव सरकार पर लगाया है।

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राज्य की प्रतिदिन टेस्टिंग की क्षमता 38,000, हो रहे 14 हजार टेस्‍ट  

फड़नवीस ने शनिवार को प्रेस से बात करते हुए कहा कि राज्य में प्रतिदिन 38,000 कोरोना मामलों की टेस्टिंग की क्षमता है। लेकिन राज्य सरकार सिर्फ 14000 टेस्ट कर रही है। इसी प्रकार कोरोना से सर्वाधिक पीड़ित मुंबई की दैनिक क्षमता 12000 टेस्ट की है। लेकिन यहां हर रोज सिर्फ 4000 टेस्ट किए जा रहे हैं। यानी आधी क्षमता का भी उपयोग नहीं किया जा रहा है। फड़नवीस का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करके कोरोना के संदिग्ध मामलों को सामने लाना ही हित में है। किंतु सरकार कम टेस्ट कर रही है। कम टेस्ट के बावजूद मुंबई में प्रतिदिन 1300 से 1500 के बीच मामले सामने आ रहे हैं। कम टेस्ट करके आंकड़े कम दिखाते रहने से कोरोना पर कभी विजय नहीं मिल सकती। 

मुंबई में मौतों का ठीक से हिसाब नहीं लगाया गया

उन्होंने कहा कि कोरोना से हो रही मौतों में भी महाराष्ट्र शीर्ष पर है। कोरोना से रोज जितनी मौतें देश में हो रही हैं, उसकी 42 से 45 फीसद मौतें अकेले महाराष्ट्र में हो रही हैं। अभी तक देश में हुई कुल मौतों की 43 फीसद मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं। फड़नवीस ने का यह भी आरोप है कि अभी मुंबई में हुई मौतों का ठीक से हिसाब नहीं लगाया गया है। कोई समिति बनाकर इसका हिसाब किया जाना चाहिए। सरकार इसका प्रबंधन कर पाने में सफल नहीं हो पा रही है। इसीलिए मुंबई में लाशों का अंबार लगता जा रहा है।

कम होनी चाहिए जांच की फीस 

आईसीएमआर के निर्देश पर राज्य की प्राइवेट लैबों में कोरोना टेस्ट फीस कम किए जाने पर फड़नवीस ने कहा कि फिलहाल इसे 2200 रुपए किया गया है। लेकिन यह फीस इससे भी कम हो सकती है। राज्य सरकार की ओर से एक बयान आईसीयू बेड्स की कमी को लेकर सामने आया था। इस पर फड़नवीस ने कहा कि सरकार इसमें पहले ही बहुत देर कर चुकी है। हम लोग इसी में खुश थे, हमने कुछ क्वारंटाइन सेंटर्स और आइसोलेशन सेंटर्स बना लिए हैं। लेकिन वो सेंटर भी हम पूरी तरह शुरू नहीं कर पाए। क्योंकि उन सेंटर्स में कोई आईसीयू की व्यवस्था नहीं है, न ही वहां डॉक्टर्स एवं मेडिकल स्टाफ उपलब्ध है। इसलिए ये सेंटर्स किसी काम के साबित नहीं हो रहे हैं।

फड़नवीस ने निजी क्षेत्र के अस्पतालों में वसूली जा रही मोटी फीस पर भी सवाल उठाया। उनके अनुसार एक अस्पताल का बिल उनके सामने आया। जिसमें हजारों रुपए पीपीई किट्स, मास्क एवं टेस्टिंग आदि के लगाए गए हैं। इतना महंगा इलाज करके आम आदमी के पास मरने के सिवाय दूसरा उपाय नहीं बचेगा।

उद्धव से मिले फड़नवीस 

मुंबई, प्रेट्र। समुद्री तूफान निसर्ग के कारण हुए नुकसान को लेकर पूर्व सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर उन्हें जमीनी हालात की जानकारी दी। हाल ही में तूफान से बुरी तरह प्रभावित रायगढ़ और रत्नागिरी जिले का दौरा करके लौटे फड़नवीस ने मीडिया को बताया कि पीडि़त लोगों तक अभी तक सरकारी मदद नहीं पहुंच पाई है। कई गांवों की बिजली आपूर्ति अब तक ठप पड़ी है।


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