Move to Jagran APP

भोपाल सेंट्रल जेल में भर्ती पर वित्त विभाग ने कहा-17 पद काफी, CM ने कहा- 120 पद देंगे

इस सुझाव को मुख्यमंत्री ने खारिज कर जेल विभाग के प्रस्ताव को जायज करार दिया और मात्र दस पद कम करते हुए 120 पदों को मंजूरी दे दी।

By Srishti VermaEdited By: Published: Wed, 04 Apr 2018 09:49 AM (IST)Updated: Wed, 04 Apr 2018 09:49 AM (IST)
भोपाल सेंट्रल जेल में भर्ती पर वित्त विभाग ने कहा-17 पद काफी, CM ने कहा- 120 पद देंगे
भोपाल सेंट्रल जेल में भर्ती पर वित्त विभाग ने कहा-17 पद काफी, CM ने कहा- 120 पद देंगे

भोपाल (नईदुनिया स्टेट ब्यूरो)। सेंट्रल जेल भोपाल से सिमी के आठ कैदियों के फरार होने के बाद जेल में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के लिए हाई सिक्युरिटी यूनिट गठित होगी। इसके लिए जेल विभाग ने 130 अधिकारी और प्रहरी के नए पद बनाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन इस पर वित्त विभाग ने कहा कि बस 17 पद काफी हैं। इस सुझाव को मुख्यमंत्री ने खारिज कर जेल विभाग के प्रस्ताव को जायज करार दिया और मात्र दस पद कम करते हुए 120 पदों को मंजूरी दे दी।

loksabha election banner

कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया, जेल में बंद सिमी के कैदियों की सुरक्षा के मद्देनजर यह बड़ा कदम उठाया गया है। इसके अलावा बड़े पशुओं की उत्प्रेरणा योजना और छोटे पशुओं एवं पक्षियों की उत्प्रेरणा योजना को 2020 तक जारी रखने की अनुमति दी गई। एमपीएसआईडीसी के कर्जदारों के भुगतान के लिए 44 करोड़ 32 लाख रुपए मंजूर करते हुए योजना 2018-19 में जारी रखने का फैसला किया गया।

लहसुन 50 फीसदी कम भाव पर बिकी तो भावांतर नहीं

प्रदेश सरकार ने लहसुन को भावांतर भुगतान योजना में शामिल कर लिया है। इसकी खरीदी 1 अप्रैल से 31 मई तक मान्य होगी। योजना के लिए प्रति हेक्टेयर अधिकतम उत्पादकता 75 क्विंटल तय की गई है। भावांतर की देय राशि लहसुन के घोषित मूल्य के 25 फीसदी मूल्य तक ही दी जाएगी। घोषित मूल्य से लहसुन का भाव पचास फीसदी से कम मिलता है तो भावांतर का लाभ नहीं दिया जाएगा। इसके मायने यह हुए कि 32 सौ रुपए प्रति क्विंंटल का भाव होने पर लहसुन 16 सौ रुपए में बिकती है तो भावांतर नहीं दिया जाएगा।

इंदौर प्रेस क्लब को बाजार दर से दस फीसदी किराए पर मिलेगा भवन

इसी तरह बरसों से इंदौर प्रेस क्लब के भवन को लेकर चले आ रहे विवाद का भी मंगलवार को पटाक्षेप हो गया। यह भवन अब लोक निर्माण विभाग की भवन सूची में शामिल होगा और प्रेस क्लब को प्रचलित बाजार दर से तय होने वाले किराए से सिर्फ 10 फीसदी में दिया जाएगा। बैठक में लोकायुक्त संगठन में चल रहे इंदौर प्रेस क्लब के भवन के विवाद को देखते हुए सरकार ने इस भवन को लोक निर्माण विभाग की सूची में शामिल करने का फैसला किया है। इसमें स्थायी और अस्थायी निर्माण शामिल है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.