UP LockDown day 3 : सीएम योगी ने किया कम्युनिटी किचन का निरीक्षण, खुली रहेंगी खाद-बीज की दुकानें
LockDown in UP मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लॉकडाउन में मजदूर तथा गरीब के भोजन की चिंता है। उन्होंने लखनऊ के साथ हर जिले में कम्युनिटी किचन खोलने का निर्देश दिया।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण पर अंकुश लगाने के साथ ही लॉकडाउन में जनता को राहत देने के लिए हर मोर्चा पर डटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लखनऊ में कम्युनिटी किचन का निरीक्षण किया। इसी किचन में मजदूरों के साथ गरीबों के लिए भोजन बनाया जा रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भोजन का स्वाद भी लिया। इससे पहले अपने सरकारी आवास पर बैठक में उन्होंने किसान की समस्या को देखते हुए खाद तथा बीज की दुकानों को खोलने का भी निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लॉकडाउन में मजदूर तथा गरीब के भोजन की चिंता है। लॉकडाउन के दौरान उन्होंने राजधानी लखनऊ के साथ ही हर जिले में कम्युनिटी किचन खोलने का निर्देश दिया है। जिससे गरीबों को पका भोजन मिल सके। लखनऊ के जियामऊ में उन्होंने आज कम्युनिटी किचन का निरीक्षण करने के साथ ही भोजन का लुत्फ भी उठाया। यहां उन्होंने कम्युनिटी किचन का निरीक्षण किया। इस दौरान सीएम ने वितरण के प्रॉसेस से संबंधित जरुरी निर्देश दिए और पूरी व्यवस्था की खुद जांच की। इसके साथ ही उन्होंने लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश को हर स्तर पर मुस्तैद रहने की सलाह भी दी। प्रदेश सरकार प्रदेश के सभी जिलों में इस तरह के कम्युनिटी किचन स्थापित कर रही है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन में भी किसानों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत दी है। लॉकडाउन के दौरान भी खाद-बीज, कृषि रक्षा रसायनों की थोक और फुटकर दुकानें पहले की तरह खुली रहेंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शासन द्वारा इस संबंध में सभी मंडलायुक्तों, डीएम, एसएसपी और एसपी को निर्देश जारी किये गए हैं। सुचारू रूप से इनकी आपूर्ति जारी रहे इसके लिए इनको बनाने वाली कंपनियों, लोडिंग एवं अनलोडिंग में लगे श्रमिकों और इनके परिवहन में लगे वाहन भी छूट के दायरे में आएंगे। इसी तरह की छूट कटाई में प्रयुक्त कंबाईन हार्वेस्टर और इस दौरान जरूरी श्रमिकों पर भी होगी।
फरवरी-मार्च के अप्रत्याशित मौसम की मार से यूं ही किसान परेशान हैं। मौजूदा समय में उनकी सरसों, आलू, मटर और चना की फसलें या तो खेत में हैं या खलिहान में। गेहूं की फसल भी तैयार होने को है। ऐसे में किसानों को ये चिंता थी कि लॉकडाउन की स्थिति में हम अपनी उपज को कैसे घर तक सुरक्षित पहुंचाएं। साथ ही साथ चिंता उन किसानों को भी थी जिनके खेत या तो खाली हो चुके थे, या खाली होने वाले थे, क्योंकि किसान खेत में खरीफ के पूर्व कम समय में होने वाली उड़द, मूंग और पशुओं के लिए हरे चारे की बोआई करते हैं। सरकार के इस फैसले से परंपरागत किसानों के साथ सब्जी बोने वाले किसानों को भी राहत मिली है।