हाई कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद दुष्कर्म केस को शाहजहांपुर से लखनऊ ट्रांसफर करने का दिया आदेश
शाहजहांपुर की एलएलएम छात्रा से दुष्कर्म करने का आरोप पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर है। अब इस मामले की सुनवाई लखनऊ की जिला अदालत में होगी।
प्रयागराज, जेएनएन। शाहजहांपुर की एलएलएम छात्रा से दुष्कर्म करने का आरोप पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर है। अब इस मामले की सुनवाई लखनऊ की जिला अदालत में होगी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शाहजहांपुर से केस को लखनऊ स्थानांतरित करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह आदेश पीड़िता के अनुरोध पर दिया है। पीड़िता ने आशंका जताई थी कि आरोपित प्रभावशाली व्यक्ति हैं। वह अपने रसूख से केस की सुनवाई प्रभावित कर सकते हैं। साथ ही साक्ष्य से छेड़छाड़ कर सकते हैं।
न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने कहा कि विचारण न्यायालय प्राथमिकता के आधार पर दैनिक सुनवाई कर यथाशीघ्र मुकदमे का निस्तारण करें। कोर्ट ने एसएसपी लखनऊ को पीड़िता व परिवार को सुरक्षा देने साथ ही मुकदमे की सुनवाई एक साल के भीतर पूरी करने का भी निर्देश दिया है। पीड़िता ने शाहजहांपुर में जीवन का खतरा बताया था। इसके मद्देनजर एसएसपी को मुकदमे की सुनवाई के दौरान पीड़िता, उसके परिवार के सदस्यों व गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए एक वरिष्ठ पुलिस उपनिरीक्षक की तैनाती करने का निर्देश दिया गया है।
यह भी पढ़ें : छात्रा से दुष्कर्म के आरोपित चिन्मयानंद की जमानत मंजूर, जानें कब क्या हुआ...
यह भी पढ़ें : दो महीने 19 दिन बाद आया स्वामी चिन्मयानंद की जमानत पर फैसला
सोमवार को ही इलाहाबाद हाई कोर्ट ने छात्रा से दुष्कर्म करने के आरोपित स्वामी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। कोर्ट ने सीजेएम शाहजहांपुर को उन्हें बड़ी धनराशि के मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अर्जी पर 19 नवंबर 2019 को बहस के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। कोर्ट ने मुकदमे की प्रतिदिन सुनवाई करने का भी निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने चिन्मयानंद पर जमानत देने की शर्तें लगाते हुए उसके पालन का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि वे गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे, सुनवाई के दौरान कोर्ट में हाजिर होंगे और जमानत का दुरुपयोग नहीं करेंगे।
बता दें कि शाहजहांपुर की एलएलएम छात्रा ने स्वामी चिन्मयानंद पर अश्लील वीडियो बनाकर कई बार दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। दूसरी तरफ चिन्मयानंद की तरफ से पांच करोड़ रुपये की ब्लैकमेलिंग के आरोप में पीड़िता छात्रा व उसके साथियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई। छात्रा के लापता होने पर सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया था, इसके बाद छात्रा राजस्थान से साथियों के साथ बरामद की गई। उसे सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया। बयान दर्ज होने के बाद कोर्ट ने प्रकरण मॉनीटरिंग करने के लिए हाई कोर्ट को भेज दिया था। हाई कोर्ट की ओर से अब लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है।