महागठबंधन में फिर भारी पड़े लालू यादव, कांग्रेस ने RJD के लिए छोड़ी राज्यसभा की सीट
विपक्षी महागठबंधन में लालू प्रसाद यादव ने फिर खुद को बड़ा भाई साबित किया है। उनके आग्रह पर कांग्रेस ने अघोषित तौर पर बिहार में राज्यसभा सीट की मांग छोड़ दी है।
पटना, स्टेट ब्यूरो। बिहार में राज्यसभा (Rajya Sabha Election) की पांच सीटों के लिए चुनाव में विपक्षी महागठबंधन (Grand Alliance)में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad yadav) कांग्रेस (Congress) पर भारी पड़े हैं। कांग्रेस ने अघोषित तौर पर राज्यसभा की एक सीट पर अपना दावा वापस ले लिया है। लिहाजा, राज्यसभा की बिहार से भरी जाने वाली पांच सीटों में से दो पर आरजेडी के उम्मीदवार (Candidates) चुनाव लड़ेंगे। शेष तीन सीटें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के खाते में है।
कांग्रेस ने एक सीट पर किया था दावा
राज्यसभा की पांच सीटों के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले कांग्रेस ने एक सीट पर अपना दावा किया था। आधार यह था कि लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की सीट यह कह कर कम कर दी गई थी कि भरपाई राज्यसभा में कर दी जाएगी। बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल (Shakti Singh Gohil) ने तीन दिन पहले आरजेडी से अपेक्षा की थी कि वह अपना वादा पूरा करे।
पार्टी ने नहीं भेजा उम्मीदवार का नाम
कांग्रेस ने बुधवार तक अपने किसी उम्मीदवार का नाम केंद्रीय नेतृत्व के पास नहीं भेजा। प्रदेश मुख्यालय में इसको लेकर कोई सुगबुहाहट भी नहीं है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. मदनमोहन झा (Dr. Madan Mohan Jha) ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व के बीच बातचीत चल रही है। इधर कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आरजेडी के आग्रह पर कांग्रेस ने राज्यसभा की सीट से अपना दावा वापस ले लिया है।
निराश हुए रेस में जुटे आधा दर्जन नेता
कांग्रेस में करीब आधे दर्जन उम्मीदवार राज्यसभा जाने की तैयारी में जुटे थे। इनमें राज्य के अलावा दूसरे राज्यों के भी उम्मीदवार थे। ऐसे में उन्हें निराशा हाथ लगी है।
लालू प्रसाद यादव ने बतायी ये लाचारी
सूत्रों ने बताया कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कांग्रेस को उपकृत करने के मामले में फिलहाल लाचारी दिखाई है। उनका कहना है कि अगर अभी दो सदस्य राज्यसभा में नहीं गए तो सदन में पार्टी के सदस्यों की हैसियत निर्दलीय की रह जाएगी। दलीय मान्यता के लिए राज्यसभा (Rajya Sabha) व लोकसभा (Lok Sabha) मिलाकर पांच सदस्य होने की अनिवार्यता है। इस समय डॉ. मीसा भारती (Dr. Misa Bharti), डॉ. अशफाक करीम (Dr. Ashfaq Karim) और प्रो. मनोज झा (Prof. Manoj Jha) राज्यसभा में आरजेडी के सदस्य हैं। झारखंड के आरजेडी सदस्य प्रेम गुप्ता (Prem Gupta) का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है। आरजेडी के एक अन्य राज्यसभा सदस्य राम जेठमलानी (Ram Jethmalani) का देहावसान हो चुका है। लोकसभा में उसका प्रतिनिधित्व नहीं है। बिहार से दो नए सदस्यों के जाने के बाद राज्यसभा में आरजेडी सदस्यों की संख्या पांच हो जाएगी और राजनीतिक दल के तौर पर उसकी मान्यता बरकरार रहेगी।
विधानसभा चुनाव में भरपाई करेगा आरजेडी
राज्यसभा की सीट पर दावा छोडऩे के एवज में कांग्रेस के साथ फिर भरपाई का वादा किया गया है। इसमें कहा गया है कि विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) के दौरान कांग्रेस को उसके कोटे से कुछ अधिक सीटें दी जा सकती हैं। विधानसभा के पिछले चुनाव में कांग्रेस को 41 सीटें दी गई थीं। इनमें 27 पर उसकी जीत हुई थी। लेकिन दावे की वापसी में भरपाई के आश्वासन को महत्वपूर्ण नहीं माना जा रहा है। असल में मध्य प्रदेश प्रकरण के बाद कांग्रेस में उत्साह की कमी आई है। वह राज्य में सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी आरजेडी से रार नहीं ठानना चाह रही है।