हुड्डा और तंवर की लड़ाई में सैलजा की होगी बल्ले-बल्ले, कांग्रेस बड़ा कदम उठाने की तैयारी में
कांग्रेस आलाकमान पार्टी की हरियाणा इकाई में बड़ा बदलाव की तैयारी में है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा व अशोक तंवर की लड़ाई में कुमारी सैलजा की बल्ले-बल्ले हो सकती है।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा के कांग्रेस दिग्गजों की गुटबाजी खत्म करने को हाईकमान नया प्रयोग करने की तैयारी में है। राज्य में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अशाेक तंवर की लड़ाई में पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा को फायदा हो सकता है। सैलजा को हरियाणा कांग्रेस का प्रधान बनाया जा सकता है। राज्य में दलितों व जाटों को साधने की मंशा से प्रदेश में हुड्डा को विधायक दल का नेता बनाया जा सकता है। कांग्रेस हाईकमान सभी धड़ों को एक डोर में बांधने की मंशा से तीन कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनाने को लेकर भी गंभीर है।
दलितों को जोड़े रखने के लिए सैलजा को सौंपी जा सकती है हरियाणा कांग्रेस की कमान
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के स्वदेश लौटते ही प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने उनके साथ हरियाणा के मामलों पर चर्चा की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा और अशोक गहलोत ने भी सोनिया गांधी को पार्टी की गुटबाजी से वाकिफ करा दिया है। हाईकमान को बताया गया कि यदि प्रदेश के प्रमुख पार्टी नेताओं का विवाद इसी तरह बढ़ता रहा तो लोकसभा की तरह विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस की फजीहत होने से नहीं रोकी जा सकेगी।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस विधायक दल के नेता संभव, तीन कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष भी बनेंगे
हरियाणा चूंकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटा प्रदेश है, इसलिए यहां की राजनीतिक गतिविधियों का दिल्ली की राजनीति का पूरा असर रहता है। हुड्डा समर्थकों ने हाईकमान को दो टूक कह दिया कि प्रदेश अध्यक्ष के पद पर उन्हें अशोक तंवर स्वीकार नहीं है। तंवर दलित हैं। ऐसे में हाईकमान को लगता है कि तंवर को हटाने के बाद राज्य के दलित कांग्रेस से नाराज हो सकते हैं। इसलिए बीच का रास्ता निकालने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री व राज्यसभा सदस्य कुमारी सैलजा को हरियाणा कांग्रेस की कमान सौंपने का पासा फेंके जाने की तैयारी है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सैलजा के राजनीतिक रिश्ते अब पहले से काफी मधुर हैं। हुड्डा को राजनीति में बड़ा ब्रेक दिलाने में कुमारी सैलजा का कहीं न कहीं योगदान रहा है। सैलजा भी हुड्डा की काफी कद्र करती हैं। सैलजा के साथ भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाया जा सकता है। इससे जाटों को खुश करने में मदद मिलेगी और हुड्डा समर्थकों की मायूसी भी दूर हो सकेगी।
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वहीं हुड्डा कैबिनेट में अहम मंत्रालय चला चुके लालू यादव के समधि कैप्टन अजय सिंह यादव का दक्षिण हरियाणा में अच्छा प्रभाव है। उन्हें कार्यकारी प्रधान बनाया जा सकता है। युवाओं को साधने की मंशा से रोहतक के पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा को भी कार्यकारी प्रधान बनाए जाने की योजना है। गैर जाट नेता कुलदीप बिश्नोई और राहुल गांधी के एक कामन दोस्त की वजह से दो दिन पहले ही उनकी मीटिंग हुई है। बांगर बेल्ट को साधने के लिए कुलदीप बिश्नोई को तीसरा कार्यकारी प्रधान बनाने की योजना पर मंथन चल रहा है।
मौजूदा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. अशोक तंवर को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह दी जा सकती है। कांग्रेस विधायक दल की मौजूदा नेता किरण चौधरी अपने ढंग की राजनीति करती हैं। उनकी हाईकमान में मजबूत पकड़ हैं। लिहाजा उन्हें भी एडजेस्ट करने के तरीके पर चर्चा चल रही है।
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कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन रणदीप सिंह सुरजेवाला की गिनती राहुल गांधी की कोर टीम में होती है। उनके जरिये राहुल गांधी जहां हरियाणा के मामलों पर निगाह रखेंगे, वहीं राष्ट्रीय राजनीति में सुरजेवाला का हस्तक्षेप पहले से अधिक बढ़ा दिया जाएगा।
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