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Kashmir Situation: खुशहाल रहे कश्मीर..एक मिशन खत्म...दूसरा शुरू

खुशहाल रहे कश्मीर..एक मिशन खत्म-दूसरा शुरू...नये कश्मीर की नींव रखने के बाद अर्धसैनिक बल अब असम-त्रिपुरा-बंगाल की ओर निकले

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 17 Dec 2019 08:55 AM (IST)Updated: Tue, 17 Dec 2019 11:41 AM (IST)
Kashmir Situation: खुशहाल रहे कश्मीर..एक मिशन खत्म...दूसरा शुरू
Kashmir Situation: खुशहाल रहे कश्मीर..एक मिशन खत्म...दूसरा शुरू

जम्मू, सुमित शर्मा।  ..वे कभी थकते नहीं-वे कभी रुकते नहीं। ..वे कभी झुकते नहीं-वे पीछे मुड़ते नहीं। सरहदों की रक्षा करने से लेकर देश के भीतर छिपे गद्दारों से निपटने वाले हमारे वीर जवान अपना 'मिशन कश्मीर' पूरा कर अब 'नये मिशन' (असम-त्रिपुरा-बंगाल) की ओर बढ़ चले हैं। इन जांबाजों की बदौलत ही आज कश्मीर में हर तरफ माहौल शांत है। पिछले साढ़े चार महीने में अगर कश्मीर में एक भी गोली से किसी की मौत नहीं हुई तो ये इन जवानों के धैर्य और संयम की बदौलत भी है।

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अब न पहले जैसा आतंकवाद का डर दिखता है और न अलगाववादियों के फतवे। पत्थरबाजी जैसे गुजरे जमाने की बात हो गई। नये कश्मीर की नींव रखने में इन सुरक्षाबलों की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। अब कश्मीर खुली फिजा में सांस ले रहा है।

आसान न था चुनौतियों से पार पाना :

जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित राज्यों में पुनर्गठित करना और अनुच्छेद 370 के साथ 35ए को हटाना चुनौतीपूर्ण था। चूंकि राज्य की सीमा पर शैतान पड़ोसी पाकिस्तान घात लगाए बैठा था और भीतर आतंकियों व अलगाववादियों का नापाक गठजोड़। दोनों राज्य की शांति को भंग करने पर आमादा थे। ऐसे में मिशन कश्मीर की व्यू रचना बनाने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोबाल ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों को जम्मू कश्मीर रवाना किया।

सुरक्षाबल भी नहीं जानते थे किस मिशन पर जा रहे हैं :

100 अतिरिक्त कंपनियों यानि दस हजार जवान और अधिकारी जब जम्मू कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में तैनात किए जा रहे थे तो यहां के लोगों की तरह वे भी नहीं जानते थे कि क्या होने जा रहा है। बिना कुछ पूछे सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाल लिया और मिशन पूरा करके दिखाया।

मुश्किल हालात में भी डटे रहे सुरक्षा बल :

जम्मू कश्मीर में दूरदराज क्षेत्र, जहां न तापमान अनुकूल था, न परिस्थितियां। फिर भी सुरक्षाबलों ने कानून व्यवस्था बनाने में अहम योगदान दिया। सुरक्षाबलों ने आतंकियों को उनकी मांद से बाहर तक निकलने का मौका नहीं दिया और लोगों के लिए एक सुरक्षित व विश्र्वासपूर्ण माहौल बनाए रखा।

आतंकी देखते रहे और हजारों टन सेब कश्मीर से बाहर :

इसी बीच कश्मीर में सेब का सीजन आया। आतंकियों ने ट्रक चालकों, कारोबारियों व स्थानीय किसानों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। सुरक्षाबलों ने फिर मोर्चा संभाला और आतंकियों को फिर मुंह की खानी पड़ी। कश्मीर में हजारों टन सेब ट्रकों में भर-भरकर कश्मीर से बाहर देश की मंडियों में पहुंच गया और कश्मीर के सेब व्यापारियों ने सुरक्षाबलों को शुक्रिया अदा किया।

10 कंपनियां वापस रवाना, 21 और जाने को तैयार :

कश्मीर में अब स्थिति पूरी तरह शांत हैं। शिक्षण संस्थान, बैंक, कार्यालय, दुकानें सभी खुल चुकी हैं। परिवहन सेवा भी सुचारू रूप से चल रही है। इसी बीच संसद में नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद असम, त्रिपुरा और बंगाल में स्थिति बिगड़ गई। ऐसे में केंद्र सरकार ने कश्मीर में तैनात सुरक्षाबलों की अतिरिक्त कंपनियों को नये मिशन पर रवाना कर दिया। कश्मीर को खुशहाली की ओर ले जाने के बाद सुरक्षाबल फिर बोरी-बिस्तर बांधकर व कंधे पर बंदूक रखकर नये मिशन को पूरा करने आगे बढ़ गए हैं। 


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