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कर्नाटक के ग्राम पंचायत चुनाव हुए स्‍थगित, कोरोना वायरस फैलने का है डर

कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कर्नाटक राज्य चुनाव आयोग ने ग्राम पंचायत चुनावों को स्थगित कर दिया है।

By Tilak RajEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 08:40 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 08:40 AM (IST)
कर्नाटक के ग्राम पंचायत चुनाव हुए स्‍थगित, कोरोना वायरस फैलने का है डर
कर्नाटक के ग्राम पंचायत चुनाव हुए स्‍थगित, कोरोना वायरस फैलने का है डर

बेंगलुरु, एजेंसी। कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कर्नाटक राज्य चुनाव आयोग ने ग्राम पंचायत चुनावों को स्थगित कर दिया है। राज्य की 6,025 पंचायतों में से 5,800 के सदस्यों का कार्यकाल जून और अगस्त 2020 के बीच समाप्त हो जाएगा। वर्तमान स्थिति को 'असाधारण परिस्थिति' मानते हुए, चुनाव आयोग ने चुनावों को अस्थायी रूप से स्थगित करने का निर्णय लिया। विपक्ष ने चुनाव न होने की स्थिति में विरोध प्रदर्शन करने की धमकी दी है।

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चुनाव आयोग ने कहा कि स्थिति की समीक्षा के बाद चुनाव कब होगा, इस पर निर्णय लिया जाएगा। चुनाव स्थगित करने का फैसला लेने से पहले, आयोग ने जिलों में स्थिति पर उपायुक्तों से रिपोर्ट मांगी थी। डीसी की रिपोर्टों के आधार पर आयोग इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि जिला स्तर पर अधिकारी कोविड-19 महामारी से लड़ने के उपाय करने में तैनात हैं और उन्हें पर्याप्त कर्मचारी आवंटित करना, चुनाव के लिए परिवहन व्यवस्था करना और भी मुश्किल हो सकता है। ऐसे में कानून और व्यवस्था को बनाए रखना मुश्किल हो सकता है।

आयोग ने यह भी कहा कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक 'शारीरिक दूरी' को बनाए रखना चुनावों के दौरान मुश्किल हो सकता है, क्योंकि राजनीतिक दलों के सदस्यों, मतदाताओं और यहां तक ​​कि अधिकारियों को भी मतदाता सूची तैयार करने, मतदान के दौरान और मतगणना के दौरान एकत्र होना पड़ता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने सभी राज्यों को दिशानिर्देश जारी किए हैं कि वे सोशल डिस्‍टेंसिंग बनाए रखने और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एक स्थान पर बड़ी संख्या में लोगों को इकट्ठा करने से रोकने सहित कई उपाय करें। ऐसे में ग्राम पंचायत करना गृह मंत्रालय के निर्देशों की अवेहलना होगी।

हालांकि, इस बीच विपक्षी कांग्रेस ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद सदस्यों को ग्राम पंचायत में नामित करने की योजना बनाई गई थी। विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार चुनाव कराए, नहीं तो विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। वैसे बता दें कि चुनाव आयोग ने सदस्यों के कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही चुनाव कराने के लिए तैयारी शुरू कर दी थी। इस बीच जिला प्रशासन को मतदाता सूची तैयार करने के लिए निर्देश जारी किए हैं। हालांकि, सभी गतिविधियां लॉकडाउन के कारण बंद हैं।


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