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Kashmir situation: कश्मीर हालात सुधारने के लिए सरकार ने बनाया नया प्लान, आतंकियों के साथ ये भी होंगे निशाने पर!

Kashmir situation पथराव और प्रदर्शनों की घटनाओं में आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्करों की भूमिका ही सबसे अहम है। ये लाेग आतंकी संगठनों की तरफ से पोस्टर भी जारी कर रहे हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 01:30 PM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 01:30 PM (IST)
Kashmir situation: कश्मीर हालात सुधारने के लिए सरकार ने बनाया नया प्लान, आतंकियों के साथ ये भी होंगे निशाने पर!
Kashmir situation: कश्मीर हालात सुधारने के लिए सरकार ने बनाया नया प्लान, आतंकियों के साथ ये भी होंगे निशाने पर!

श्रीनगर, नवीन नवाज। वादी में सुधरते हालात और लगातार सामान्य हो रही जिंदगी को पटरी से उतारने के लिए सक्रिय हुए आतंकियों के ओवरग्राउंड नेटवर्क के खिलाफ राज्य प्रशासन ने एक बड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरु कर दी है। वादी में सक्रिय ओवरग्राउंड वर्करों व उनसे जुड़े लोगों की निशानदेही की प्रक्रिया नए सिरे से शुरु की गई है। लोगों में सुरक्षा और विश्वास की भावना बनाए रखने के कम्यूनिटी पोलिसिंग के तहत स्थानीय नागरिकों के साथ चौकी और थाना स्तर पर बैठकों का आयोजन किया जा रहा है। आतंकियों के प्रभाव वाले इलाकों में आतंकरोधी अभियानों को तेज करने के अलावा गश्त भी बढ़ायी गई है।

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बीते दस दिनों के दौरान विभिन्न इलाकों में आतंकियों को देखे जाने की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। सिर्फ दक्षिण कश्मीर के विभिन्न शहरों या गांवों में ही नहीं बडगाम, गांदरबल के अलावा उत्तरी कश्मीर में भी कई जगह हथियार लिए आतंकी दुकानों को बंद कराने आए हैं। इसके अलावा मस्जिदों में भी आतंकियों ने चार से पांच जगहों पर भाषण देकर लोगों को बंद के लिए कहा है। जब से आतंकी सक्रिय हुए हैं या जिन इलाकों में वे देखे गए हैं, वहां पथराव की घटनाओं में भी तेजी आयी है। श्रीनगर शहर में भी आतंकियों ने पोस्टर जारी किए हैं।

कश्मीर का माहौल बिगाड़ने की साजिश रच रहे आतंकी

राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपना नाम न छापे जाने की शर्त पर बताया इस समय आतंकी और उनके सरगना कश्मीर में हालात को बिगाड़ अफरा-तफरी का माहौल पैदा करने के लिए हर संभव साजिश कर रहे हैं। दो दिन पहले शोपियां में आतंकियों ने सज्जाद अहमद चिराग की इलैक्ट्रानिक सामान की दुकान में भी आग लगायी। कचडूरा में सेब उठाने गए दो ट्रकों को शरारती तत्वों ने नुक्सान पहुंचाया है। बडगाम के बीरु इलाके में आतंकियों के समर्थकों और ओवरग्राऊंड वर्करों ने करीब एक दर्जन दुकानों को नुक्सान पहुंचाया, क्योंकि यह दुकानें बंद के फरमान के बावजूद खुली हुई थी। इसके अलावा सड़कों पर दौड़ रहे निजी वाहनों पर भी पथराव की घटनाओं में तेजी आयी है।

पथराव-प्रदर्शनों में ओवरग्राउंड वर्करों की अहम भूमिका

पथराव और प्रदर्शनों की घटनाओं में आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्करों की भूमिका ही सबसे अहम है। ये लाेग आतंकी संगठनों की तरफ से पोस्टर भी जारी कर रहे हैं। सोपोर में लश्कर के आठ ओवरग्राऊंड वर्कर भी पकड़े गए हैं। हालांकि उक्त अधिकारी ने वादी में सक्रिय आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्करों की संख्या की पुष्टि नहीं की है। लेकिन संबधित सूत्रों कीमानें तो यह संख्या पांच से छह हजार के बीच है। यह संख्या भी आतंकियों की गिनती और गतिविधियों के हिसाब से घटती बढ़ती है।

ओवरग्राउंड वर्करों की लोगों में पकड़ मजबूत

कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ और वरिष्ठ पत्रकार रशीद राही ने कहा कि कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति की बहाली का मतलब जिहादी और पाकिस्तानी एजेंडे की नाकामी है। इसलिए अब आतंकी और उनके आेवरग्राऊंड वर्कर जबरन बंद लागू कराने के लिए पूरी तरह सक्रिय हुए हैं। ओवरग्राउंड वर्करोें की आम लाेगों में पकड़ मजबूत होती है, वह अच्छी तरह जानते हैं कि कहां कब क्या किया जाए, जिससे उनका एजेंडा लागू हो। पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर के पुनगर्ठन के केंद्र सरकार के फैसले के बाद उपजी स्थिति के मद्देनजर प्रशासन ने वादी में प्रशासनिक पाबंदियों को लागू किया था। इसके साथ ही सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त करते हुए बड़ी करीब तीन हजार पत्थरबाजों, आतंकियों के आेवरग्राऊंड वर्करों व अन्य शरारती तत्वों को भी हिरासत में लिया गया। इनमें से अधिकांश को संबधित नियमों का पालन करते हुए रिहा भी किया गया। तमाम आशंकाओं के बावजूद स्थानीय लोगों ने हालात सामान्य बनाए रखने में प्रशासन का पूरा सहयोग किया है और वादी में किसी जगह कोई बड़ा प्रदर्शन भी नहीं हुआ। सामान्य जनजीवन धीरे धीरे पटरी पर लौट रहा है। इससे कश्मीर में सक्रिय जिहादी तत्व और उनके आका पूरी तरह हताश हो चुके हैं।

हालात में सुधार के आधार पर कई लोगों को किया गया रिहा

एसएसपी रैंक के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हालात में सुधार के आधार पर बहुत से लाेगों को रिहा किया गया है। इनमें से कई अब कानून व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने में सक्रिय होने लगे हैं। इसके अलावा आतंकियों ने कई जगह अपने नए ओवरग्राउंड वर्करों को सक्रिय किया है। हम इन लोगों की निशानदेही कर रहे हैं। इसके अलावा सुरक्षा एजेंसियों का पूरा ध्यान कानून व्यवस्था की स्थिति और शांति बनाए रखने पर था, इसलिए कई जगह आतंकियों ने अपनी गतिविधियां तेज कर लोगों में खौफ पैदा करना चाहा है। जल्द ही आप देखेंगे कि यह लोग पकड़े गए हैं या मारे गए हैं। लोगों में सुरक्षा और विश्वास की बहाली के लिए बदलते सुरक्षा परिदृश्य के मद्देनजर व्यापक रणनीति को तैयार किया गया है।

घाटी में हो रही घटनाओं का आंकलन कर रही पुलिस

हमने बीते डेढ़ माह के दौरान हुई पथराव, आतंकियों व उनके आेवरग्राउंड वर्करों द्वारा आम लोगों को भड़काए-धमकाए जाने, आतंकी हमलों वाली घटनाओं का आकलन किया है। हमने शहरी और ग्रामीण इलाकों के हिसाब से अपनी कार्ययोजना को तैयार करते हुए उस पर अमल शुरु किया है। इसके तहत ओवरग्राऊंड वर्करों, हाल-फिलहाल रिहा किए गए शरारती तत्वों और उनके इलाकों में हुई हिंसक घटनाओं की सूची भी बनायी जा रही है। इसके अलावा मोहल्ला स्तर पर पुलिस व नागरिकों के बीच बैठकों को आयाेजन कर स्थिति को पूरी तरह सामान्य बनाए रखने में आम लागों की भागेदारी को बढ़ाया जा रहा है। स्थानीय लोगों के सुझाव के आधार पर उनके इलाको में आवश्यक्तानुरुप पुलिस व अर्धसैनिकबलां की गश्त भी तेज की जा रही है। जिन इलाकों में आतंकियों को देखे जाने की घटनाएं बड़ी हैं,वहां आतंकरोधी अभियान तेज करने के अलावा सुरक्षाबलों की अस्थायी चौकयां भी बनायी जा रही हैं।

कौन है ओवरग्राउंड वर्कर

ओवरग्राउंड वर्कर को आतंकियों की नाक, कान, आंख कहा जाता है। सरकारी कर्मचारी, बेरोजगार, श्रमिक, किसान, छात्र, राजनीतिक नेता-कार्यकर्त्ता, व्यापारी, दुकानदार या कोई मजहबी नेता या मौलवी भी ओवरग्राउंड वर्कर हो सकता है। यह आतंकियों के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए न सिर्फ सबंधित राजनीतिक विचारधाारा को आगे बढ़ाते हैं बल्कि उनके लिए नए लड़कों की भर्ती, सुरक्षित ठिकानों और हथियारों का भी बंदोबस्त करते हैं। आतंकियों के हमलों के लिए निशाना चुनने से लेकर हमले की तैयारी में भी अहम भूमिका निभाते हैं। यह आतंकियों और अलगाववादियों के लिए आवश्यक्तानुरुप किसी क्षेत्र विशेष में राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों और पथराव की घटनाओं को भी हवा देते हैं। यह उन तत्वों की भी निशानदेही करते हैं,जिन्हें यह अपने एजेंडे के खिलाफ मानते हैं।


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