जम्मू कश्मीर के राज्यपाल ने कहा, बेवजह डर का माहौल पैदा कर रहे हैं कुछ राजनीतिक दल
Omar meet Governor उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अफसर बताते हैं कि कुछ हो रहा है लेकिन जब इस कुछ के बारे में विस्तार से पूछा जाता तो वे जवाब नहीं दे पाते। जम्मू-कश्मीर में हो क्या रहा
जम्मू, एएनआइ। जम्मू-कश्मीर में जारी की गई एडवाइजरी के बाद से सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। जम्मू-कश्मीर में सियासी हलचल के बीच जम्मू में रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात कर दिया गया है। मुख्यधारा के सभी राजनीतिक दलों में उठापटक का दौर जारी है। शनिवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर में राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की। वहीं, राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि जो सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये हैं उनकों बाकी मुद्दों से मत मिलाओ, दोनों में कोई तालमेल नहीं है इसलिये डरने करने की कोई जरूरत नहीं है।
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने देर शाम एक बार फिर कहा कि स्थिति सामान्य है। केवल अफवाहें फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि यहां यह काफी आम बात है कि अगर आप लाल चौक पर छींक दो तो यह धमाकेदार की खबर बन जाती है। राजनीतिक मंशा के चलते राजनीतिक दल बेवजह डर का माहौल पैदा कर रहे हैं।
इससे पहले राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिलकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर में पत्रकारों से बात की। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर उन्हें सही जवाब नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें राज्य के हालात के बारे में सच नहीं मालूम हो पा रहा है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अफसर बताते हैं कि कुछ हो रहा है, लेकिन जब इस 'कुछ' के बारे में विस्तार से पूछा जाता है तो वे जवाब नहीं दे पाते हैं। अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल से पूछा कि आखिरकार जम्मू-कश्मीर में हो क्या रहा है। अब्दुल्ला के मुताबिक उन्होंने राज्यपाल से इस बावत एक बयान जारी करने की अपील की है।
उमर ने कहा कि जब उन्होंने राज्यपाल से अमरनाथ यात्रा बीच में रोके जाने की बात राज्यपाल से पूछा तो उन्होंने सुरक्षा का हवाल दिया। पूर्व मुख्यमंत्री उमर ने इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी।उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने ऐसे कोई संकेत नहीं दिए की जम्मू कश्मीर में हालात बिगड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 35ए को बनाए रखने के लिए वह हर संभव कोशिश करेंगे। साथ ही उमर ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोमवार को संसद में जम्मू कश्मीर के वर्तमान हालात पर जवाब देना चाहिए। जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाए जाने के सवाल पर उमर ने बताया कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आश्वासन दिया है कि यह सबकुछ राज्य में चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने जम्मू कश्मीर की जनता से जो वादे किए हैं, उन्हें उसपर कायम रहना चाहिए।
जानकारी हो कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में 2 चरणों में 35 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए हैं। जम्म-कश्मीर में कुछ महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने को है। केंद्र ने राज्य में सबसे पहले सुरक्षा बलों की 100 कंपनियों की तैनाती की। इसके तुरंत बाद 25 हजार अतिरिक्त सुरक्षा बल राज्य में भेजे गए। इसके बाद देश में अटकलों का दौर चल रहा है कि राज्य में कुछ बड़ा होने वाला है। मीडिया की चर्चा में सुरक्षा बलों की तैनाती को धारा 35-A और धारा 370 को हटाने से जोड़कर देखा जा रहा है।
जानकारी हो कि आतंकी हमले की एडवाइजरी के बीच राज्य के नेताओं ने शुक्रवार को भी राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की है। कश्मीरी नेताओं की चिंता पर राज्यपाल ने कहा है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि जो सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये हैं उनकों बांकी मुद्दों से मत मिलाओ दोनों में कोई तालमेल नहीं है इसलिये डरने करने कि कोई जरूरत नहीं है। राज्यपाल मलिक ने कहा कि राज्य को नहीं पता कोई भी संविधानिक बदलाव के बारे में राज्यपाल ने कहा कि अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले की पुख्ता सूचना मिलने के बाद ही ये अलर्ट जारी किया गया है।
जानकारी हो कि घाटी में एक ओर शुक्रवार को पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कश्मीर नीति पर काम करने की नसीहत दी थी।
जानकारी के अनुसार गृह विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी करने के बाद पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती इसे लेकर सबसे पहले आगे बढ़ीं। वह घर से पैदल ही नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला से मिलने जाने लगीं तो सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया और पैदल जाने कि बजाय गाड़ी से जाने की सलाह दी। बाद में वे अब्दुल्ला से मिलने पहुंचीं।
महबूबा ने बताया कि फारूक अब्दुल्ला की तबीयत खराब होने की वजह से वे सर्वदलीय बैठक नहीं बुला सके, लेकिन उन्होंने आश्वस्त किया है कि शनिवार को उमर अब्दुल्ला के लौटते ही सभी दलों की बैठक बुलाई जाएगी ताकि वर्तमान स्थिति पर चर्चा की जा सके।
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