Rajasthan Election 2019: देश में जाट राजनीति का रुख मोड़ने का श्रेय है राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र को
राजस्थान का शेखावाटी क्षेत्र राजनीतिक रूप से काफी जागरूक माना जाता है। देश की जाट राजनीति का रूख मोड़ने का श्रेय इसी शेखावाटी क्षेत्र को जाता है।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान का शेखावाटी क्षेत्र राजनीतिक रूप से काफी जागरूक माना जाता है। देश की जाट राजनीति का रूख मोड़ने का श्रेय इसी शेखावाटी क्षेत्र को जाता है। शेखावाटी अंचल में शामिल सीकर,चूरू और झुंझूनूं संसदीय क्षेत्रों में जाट एवं पूर्व सैनिक मतदाता हमेशा ही निर्णायक भूमिका अदा करते रहे है।
सीकर की धरती से पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 1999 में जाटों को आरक्षण देने की घोषणा की थी। इसके बाद देश की जाट राजनीति में हलचल पैदा हो गई थी। यहां से कई दिग्गज जाट नेता अपना भाग्य अजमा चुके है। इनमें पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ शामिल है। देवीलाल ने हरियाणा और जाखड़ ने पंजाब से यहां आकर प्रदेश और देश की जाट राजनीति को नया मोड़ दिया। इन दोनों दिग्गजों के कारण शेखावाटी क्षेत्र देश में जाट राजनीति का प्रमुख केंंद्र माना जाने लगा।
शीशराम ओला ने तैयार किए कई नेता
शेखावाटी के दिग्गज जाट नेता और पूर्व केंंद्रीय मंत्री स्व.शीशराम ओला ने झुंझुनूं, सीकर और चूरू संसदीय क्षेत्रों में एक दर्जन से अधिक ऐसे नेता तैयार किए,जो वर्तमान में अलग-अलग पार्टियों में महत्वपूर्ण पदों पर काबिज है। कांग्रेस के दिग्गज नेता ओला के बारे में माना जाता है कि यदि उनसे पूछकर पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो वे प्रत्याशी का टिकट बरैंग ही लौटा देते थे अर्थात चुनाव हरा देते थे। झुंझुंनू से सांसद रहे ओला पूर्व पीएम स्व.श्रीमती इंदिरा गांधी के काफी निकट माने जाते थे। देवीलाल,जाखड़ और ओला इन तीन दिग्गज नेताओं ने प्रदेश और देश की जाट राजनीति को कई नए चेहरे भी नेता के रूप में दिए।
सीकर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस और बीजेपी पिछले काफी समय से जाट प्रत्याशी पर ही दांव लगाती रही है। वर्तमान में इस क्षेत्र से बीजेपी के स्वामी सुमेधानंद सरस्वती सांसद है। स्वामी सुमेधानंद पड़ोसी राज्य हरियाणा से ताल्लुक रखते है और जाट समाज से है। बीजेपी एक बार फिर सुमेधानंद सरस्वती पर ही दांव लगाने पर विचार कर रही है। इसी तरह चूरू संसदीय क्षेत्र में भी जाट समाज का काफी प्रभाव माना जाता है।
वर्तमान में चूरू से बीजेपी के राहुल कस्वां सांसद है,पूर्व में उनके पिता रामसिंह कस्वां सांसद रहे थे। राहुल कस्वां को फिर से टिकट मिलना तय माना जा रहा है। कांग्रेस में झुंझुंनू से राजबाला ओला,सीकर से सुभाष महरिया और चूरू से ज्योति मिर्धा को टिकट दिए जाने पर सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहमत है। सीकर,झुंझुंनू और चूरू में देश के सबसे अधिक पूर्व सैनिक परिवार रह रहे है।